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Hathras News : यूपी एसटीएफ की आगरा यूनिट जैसे ही हाथरस जिले के सादाबाद बस स्टैंड पर पहुंची तो एक लग्जरी कार में चार युवक नजर आए.मुखबिर के इशारा पर टीम ने कार को रुकवाया. कार में बैठे दो युवकों ने एसटीएफ से कहा कि…और पढ़ें

कार में जा रहे थे 4 युवक, STF ने घेरा तो बोले- 'हम तो एसटीएफ से हैं...' और फिर

यूपी एसटीएफ की आगरा यूनिट ने हाथरस से चार लोगों को गिरफ्तार किया, तलाशी में कार में मिले जाली नोट

हाथरस. आगरा एसटीएफ ने सादाबाद में चार ठगों को जाली नोटों के साथ दबोचा है. एसटीएफ ने ठगों के पास से डेढ़ लाख की जाली करेंसी भी बरामद की. सादाबाद कोतवाली में चारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. आरोपियों ने बिहार के लोगों से एफटीएफ कर्मी बनकर चार लाख रुपये की ठगी की है. उन्हें धमकाया कि अतीक अहमद के बेटे का एनकाउंटर भी कर चुके हैं. आरोपी भोले-भाले लोगों को छह महीने में पैसा डबल कर देने का भी लालच देते थे.

सादाबाद के मोहल्ला गौतम नगर निवासी देवेन्द्र गौतम उर्फ नैना को लेकर एसटीएफ को काफी समय से शिकायत मिल रही थी कि वह गिरोह बनाकर भोले-भाले लोगों को ठग रहा है. हाल ही में एफटीएफ को शिकायत मिली कि कुछ ठगों ने खुद को एफटीएफ का सदस्य बनाकर बिहार के लोगों से करीब चार लाख रुपये की ठगी की है. इसे लेकर एसटीएफ सक्रिय हो गई. बुधवार को आगरा की टीम सादाबाद पहुंची. बस स्टैंड पर एक कार में देवेन्द्र गौतम उर्फ नैना समेत चार लोगों को दबोच लिया. आरोपियों ने आगरा एसटीएफ को भी धमकाया और कहा कि वो एसटीएफ के सदस्य हैं.

आगरा एसटीएफ के इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा ने उनकी एक न सुनी और सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों के पास से डेढ़ लाख के जाली नोट, दो लाख कैश और एक कार बरामद हुई. नैना की पत्नी वर्तमान में सहपऊ ब्लाक की ग्राम पंचायत जरीपुरा की प्रधान है. देर रात तक एसटीएफ ने सादाबाद कोतवाली में पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कीए. उनके साथ बिहार के पीड़ित लोग भी साथ थे.

एसटीएफ आगरा के इंस्पेक्टर यतीन्द्र शर्मा ने सादाबाद कोतवाली में देवेंद्र कुमार, दीपक, मनीष और अर्जुन गौतम सादाबाद के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई. आरोपियों के पास से 150000 रुपये की जाली करेंसी, 2 लाख रुपये नकद, एक कार, एक लोहे का ट्रंक और 99 ग्राम की एक पीली धातु बरामद की.

शर्मा ने बताया कि मधुबनी बिहार के रहने वाले पीड़ित अनिल कुमार नायक और राम उदगार पासवान का आरोपियों से संपर्क हुआ था. आरोपियों ने पीड़ितों से झांसे में लेते हुए कहा कि हमारे क्षेत्र में आलू का व्यापार होता है. जितना पैसा निवेश करोगे, उसका छह महीने में डबल करके दे देंगे. सभी पीड़ित लालच में आ गए और करीब 7-8 महीने पहले पौने दो लाख रुपये, 3 महीने पहले एक लाख रुपये निवेश के लिए दे दिए. 6 जनवरी को फिर से एक लाख रुपये पीड़ितों ने दिए.

खुद को एसटीएफ का सदस्य बताते थे आरोपी
जब पीड़ितों ने आरोपियों से अपना डबल पैसा मांगा तो उन्होंने अपना असली रग दिखाया. आरोपियों ने धमकाते हुए कहा कि हम लोग एसटीएफ वाले हैं. हम लोगों से पैसा वापस नहीं ले पाओगे. पीड़ितों ने एसटीएफ आगरा से संपर्क किया. आगरा एसटीएफ की टीम ने दबिश दी और सादाबाद बस स्टैंड के पास से आरोपियों को कार समेत पकड़ लिया. कार में लोहे की ट्रंक में डेढ़ लाख रुपए की जाली करेंसी मिली. देवेंद्र और अर्जुन आदतन अपराधी हैं.

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