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यह तस्वीर संभल जामा मस्जिद की है।

संभल की जामा मस्जिद मामले में जिला कोर्ट में चल रही सुनवाई पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। बुधवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान इस मामले के सभी पक्षकारों से 4 हफ्ते में जवाब मांगा है। पक्षकारों के जवाब पर मस्जिद कमेटी को दो हफ्ते में अपना रिज्वांइडर य

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दरअसल, जामा मस्जिद की तरफ से इंतजामिया कमेटी ने 4 जनवरी को याचिका दाखिल की थी। इसमें सर्वे रोकने की मांग की थी। हाईकोर्ट से जिला अदालत में चल रही मुकदमे की सुनवाई पर रोक लगने से मुस्लिम पक्ष को फौरी राहत मिली है।

कोर्ट ने कहा- अगले आदेश तक कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगाी। हिंदू पक्ष की तरफ से सीनियर एडवोकेट हरिशंकर जैन और एडवोकेट प्रभास पांडेय ने दलील दी, जबकि मुस्लिम पक्ष की तरफ से एसएफए नकवी ने पक्ष रखा।

इससे पहले, संभल कोर्ट में भी मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा- इसके केस की 5 मार्च तक सुनवाई नहीं होगी। संभल कोर्ट के फैसले के कुछ घंटे बाद ही हाईकोर्ट का ये फैसला आया।

यह तस्वीर 24 नवंबर की है। मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी।

दरअसल, नवंबर में सर्वे और फिर हिंसा के बाद मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने के निर्देश दिए थे। साथ ही, हाईकोर्ट को निर्देश दिया था कि याचिका पर जल्द से जल्द सुनवाई हो।

मुस्लिम पक्ष ने जो याचिका दाखिल की थी। उसमें संभल जिला अदालत में चल रहे मुकदमे की पोषणीयता पर सवाल उठाते हुए उसे रद्द किए जाने की मांग की थी। साथ ही, एडवोकेट कमिश्नर की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं किए जाने और दीवानी अदालत के सर्वे आदेश की प्रक्रिया पर भी रोक की मांग की थी।

हिंदू पक्ष की ओर से संभल की शाही मस्जिद में हरिहर मंदिर होने का दावा किया गया जा रहा है। इसे लेकर याचिका दाखिल की गई थी।

दो स्लाइड में पढ़िए संभल में कैसे भड़की थी हिंसा…

संभल की जामा मस्जिद का विवाद क्या है? हिंदू पक्ष काफी वक्त से संभल की जामा मस्जिद की जगह पर पहले मंदिर होने का दावा कर रहा है। 19 नवंबर को 8 लोग मामले को लेकर कोर्ट पहुंचे और एक याचिका दायर की। इनमें सुप्रीम कोर्ट के वकील हरिशंकर जैन और उनके बेटे विष्णुशंकर जैन प्रमुख हैं। ये दोनों ताजमहल, कुतुब मीनार, मथुरा, काशी और भोजशाला के मामले को भी देख रहे हैं।

इनके अलावा याचिकाकर्ताओं में वकील पार्थ यादव, केला मंदिर के महंत ऋषिराज गिरी, महंत दीनानाथ, सामाजिक कार्यकर्ता वेदपाल सिंह, मदनपाल, राकेश कुमार और जीतपाल यादव का नाम शामिल है। हिंदू पक्ष का दावा है कि ये जगह पहले श्रीहरिहर मंदिर हुआ करती थी, जिसे बाबर ने 1529 में तुड़वाकर मस्जिद बनवा दिया।

संभल कोर्ट में हिंदू पक्ष ने याचिका लगाई। 95 पेज की याचिका में हिंदू पक्ष ने दो किताब और एक रिपोर्ट को आधार बनाया है। इनमें बाबरनामा, आइन-ए-अकबरी किताब और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की 150 साल पुरानी एक रिपोर्ट शामिल है।

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संभल हिंसा से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें-

वोट की लूट छिपाने के लिए संभल हिंसा कराई गई:अखिलेश बोले- पुलिस ने गोली चलाई

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा- संभल की घटना एक बहुत बड़ी साजिश है। कुंदरकी और मीरपुर में वोट की लूट को छिपाने के लिए यह घटना गढ़ी गई। वहां झूठे मुकदमे दर्ज किए गए। यह सब सरकार की साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा- वहां दंगा नहीं हुआ, बल्कि पुलिस ने गोली चलाई। पढ़ें पूरी खबर

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