प्रशांत किशोर 2 जनवरी से बिहार लोकसेवा आयोग (BPSC) में अनियमितताओं को लेकर पटना स्थित गांधी मैदान में प्रदर्शन कर रहे थे।
जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को पटना सिविल कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में पटना की बेऊर जेल भेजा है। उन्होंने कहा कि ‘रुकना नहीं है, रुका तो कइयों का मन बढ़ेगा। जेल से अनशन जारी रहेगा।’
पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को पुलिस ने सोमवार सुबह 4 बजे गिरफ्तार किया था। वो 2 जनवरी की शाम 5 बजे से BPSC अभ्यर्थियों के समर्थन में आमरण अनशन पर थे।
पटना सिविल कोर्ट में उनकी पेशी हुई। SDJM आरती उपाध्याय की कोर्ट से उन्हें 25 हजार के निजी मुचलके पर बेल मिली। कोर्ट में पेशी के दौरान प्रशांत किशोर ने खुद बहस की। उन्होंने जज को बताया कि किस तरीके से पुलिसिया बर्बरता की गई। कोर्ट से जमानत मिली, लेकिन प्रशांत किशोर सशर्त जमानत लेने के लिए तैयार नहीं हुए।
प्रशांत किशोर ने PR बॉन्ड पर साइन नहीं किए। उनकी ओर से जुडिशियल कस्टडी की मांग की गई। दरअसल कोर्ट ने कहा है कि ‘आगे से ऐसा कोई भी काम नहीं करेंगे जिसकी वजह से आम लोगों को दोबारा परेशानियों का सामना करना पड़े।’ पीके इसका विरोध कर रहे हैं। जज अपने फैसले पर कायम हैं।
इससे पहले आज सुबह 4 बजे पटना पुलिस ने गांधी मैदान से उन्हें जबरन हटाया। इस दौरान पुलिस को भारी विरोध का सामना भी करना पड़ा। समर्थक का दावा है कि हटाने के दौरान एक पुलिस वाले ने प्रशांत किशोर को थप्पड़ भी मारा और जबरन वहां से उठाकर एम्बुलेंस में बैठाया।
नीचे सिलसिलेवार तरीके से पढ़िए प्रशांत किशोर की गिरफ्तार से जेल तक का पूरा अपडेट…
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