केरला के वायनाड में पराली प्रबंधन को देखते हुए नवजोत सिंह सिद्धू।
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू इन दिनों अपने परिवार के साथ केरल के दौरे पर हैं। वहां उन्होंने वायनाड जिले का दौरा करते हुए जैविक खेती का अनुभव लिया। सिद्धू ने इस यात्रा से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया और केरल की जैविक खेती प्रणाली की तार
नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने दौरे का वीडियो अपने सोशल मीडिया पर शेयर किया। जिसमें उन्होंने वायनाड को भारतीय कृषि का भविष्य बताया और लिखा- यहां जैविक खेती के जोन हैं, जहां बिना किसी कीटनाशक के खेती की जाती है। यहां फसलों में विविधता है, जिसमें अदरक, सुपारी, केला, शकरकंद, मसाले, साबूदाना और रोबस्टा कॉफी जैसी फसलें शामिल हैं।
परिवार के साथ आर्गेनिक फार्म देखते हुए नवजोत सिंह सिद्धू।
यहां पराली जलाने की समस्या का हल
सिद्धू ने पराली जलाने की समस्या पर भी वायनाड के मॉडल की तारीफ की। उन्होंने बताया कि यहां पराली को जलाने के बजाय पशु चारे के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही, नगर निगम द्वारा मशीनीकृत पराली संग्रह की सुविधा से वातावरण प्रदूषण मुक्त और स्वच्छ बना हुआ है।
किसानों की आय में 25 फीसदी वृद्धि
सिद्धू ने कहा कि इस कृषि मॉडल से किसानों की आय में 25% की वृद्धि हो रही है। सिद्धू ने वायनाड के इस मॉडल को पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बताते हुए लिखा, “यह रास्ता भारत की खेती को नई ऊंचाईयों पर ले जाएगा।
बीते साल ही पत्नी ने कैंसर से जीती जंग
गौरतलब है कि नवजोत सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू हाल ही में कैंसर का इलाज करवाने के बाद स्वस्थ हुई हैं। उन्होंने अपनी जीवनशैली में बदलाव करते हुए ऑर्गेनिक फूड को अपनाया था और लोगों को भी इसका संदेश दिया था। नवजोत सिंह सिद्धू के डाइट प्लान पर काफी विवाद भी हुआ था और डॉक्टर्स ने इसका विरोध किया था।
जिस पर नवजोत सिंह सिद्धू ने डॉक्टर्स के इलाज को सर्वोपरि कहते हुए डाइट को इलाज के साथ अपनाने की सलाह दी थी। सिद्धू ने वायनाड के ऑर्गेनिक मॉडल को पूरे देश के लिए प्रेरणा बताते हुए इसे भविष्य का रास्ता करार दिया।
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