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शाहजहांपुर : नवंबर महीने के पहले सप्ताह में बोई गई गेहूं की अगेती फसल में अब दूसरी सिंचाई करने का समय आ गया है. लेकिन कई जगहों पर गेहूं की फसल में ज्यादा ग्रोथ नहीं हो रही या फिर गेहूं की पत्तियों पर पीलापन दिखाई दे रहा है. गेहूं के पौधों में कल्ले की संख्या नहीं बढ़ रही तो घबराने की जरूरत नहीं है. जरूरी है कि दूसरी सिंचाई के तुरंत बाद कुछ जरूरी उपाय कर लें. जिससे गेहूं की फसल से खेत हरा-भरा हो जाएगा. फसल से पीलापन पूरी तरह से गायब हो जाएगा.

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि गेहूं के पौधों की ग्रोथ के लिए उर्वरक का महत्वपूर्ण रोल रहता है. ऐसे में जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए संतुलित मात्रा में उर्वरक का इस्तेमाल करना चाहिए. कई बार पोषक तत्वों की कमी की वजह से गेहूं की फसल प्रभावित होते हैं. फसल में पीलापन आ जाता है या फिर पूरी तरह से पौधे ग्रोथ नहीं कर पाते. ऐसे में जरूरी है कि दूसरी सिंचाई के बाद आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए संतुलित मात्रा में उर्वरक का इस्तेमाल करें.

समय पर करें उर्वरक का प्रयोग
गेहूं की बुवाई के वक्त किसान बेसल डोज में फास्फेटिक खाद या फिर नाइट्रोजन का इस्तेमाल करते हैं. किसान 21 से 25 दिनों में होने वाली पहली सिंचाई के तुरंत बाद भी संतुलित मात्रा में नाइट्रोजन देते हैं, लेकिन उसके बावजूद भी कई बार गेहूं के पौधे अच्छी ग्रोथ नहीं करते. ऐसे में ध्यान दें कि दूसरी सिंचाई के बाद उर्वरकों की आवश्यक मात्रा का इस्तेमाल समय से कर देना चाहिए.

कब करें यूरिया की दूसरी टॉप ड्रेसिंग?
गेहूं की फसल में दूसरी सिंचाई बुवाई के 45 से 50 दिन के बाद की जाती है. सिंचाई के 5 से 7 दिन बाद जब खेत में पर टिकने लगे तो समय किसान दूसरी बार नाइट्रोजन की टॉप ड्रेसिंग कर दें. टॉप ड्रेसिंग के लिए किसान 40 से 45 किलो नाइट्रोजन डालें और जिन किसानों ने बेसल डोज में जिंक का इस्तेमाल नहीं किया है, वह यूरिया में मिलाकर जिंक भी दे दें. ऐसा करने से गेहूं के पौधे मजबूत होंगे और कल्ले की संख्या तेजी के साथ बढ़ेगी. फसल में दिखने वाला पीलापन भी गायब हो जाएगा.

FIRST PUBLISHED : January 2, 2025, 13:32 IST

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