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-जीडीए उपाध्यक्ष का भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस, गिर सकती अन्य पर भी गाज

गाजियाबाद। जीडीए की इंद्रप्रस्थ योजना में पहले आओ-पहले पाओ स्कीम में दो फ्लैट का आवंटन पत्र को दो महीने तक फाइल में दबाकर बैठे रहे कनिष्ठ लिपिक विनोद कुमार मिश्रा को आखिर निलंबित कर दिया गया। जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने निलंबन की कार्रवाई करते हुए कनिष्ठ लिपिक विनोद मिश्रा को विधि अनुभाग से संबद्ध कर दिया है। जीडीए उपाध्यक्ष के समक्ष आवंटन पत्र जारी नहीं किए जाने की शिकायत की गई थी। इस मामले में उन्होंने खुद लिपिक को बुलाकर पूछताछ की तो मामला में संदिग्धता होने पर निलंबित किया गया। जीडीए उपाध्यक्ष ने इस मामले की जीडीए सचिव को जांच सौंपी है। जीडीए उपाध्यक्ष भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रहे है। ऐसे में भ्रष्टाचार व रिश्वतखोरी करने वाले अन्य बाबुओं पर भी जल्द गाज गिर सकती है। जीडीए की विभिन्न योजनाओं में फ्लैट रिक्त पड़े हैं। इन्हें बेचने के लिए जीडीए ने पहले आओ-पहले पाओ योजना चला रखी है।

इस योजना के तहत चार अक्टूबर को कुलदीप तिवारी नाम के व्यक्ति ने इंद्रप्रस्थ योजना में भवन संख्या जी-302,जी-303 को आवंटित किए जाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। इस पर समिति की अनुसंशा पर हस्ताक्षर करते हुए 23 अक्टूबर को अनुमोदन कर दिया गया। इसकी सूचना कुलदीप तिवारी को भी भेज दी गई। लेकिन इंद्रप्रस्थ योजना का कार्य देख रहे कनिष्ठ लिपिक विनोद कुमार मिश्रा ने इन्हें फ्लैटों का आवंटन पत्र जारी नहीं किया। आवंटन पत्र नहीं मिलने से नाराज कुलदीप तिवारी ने जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स से इसकी शिकायत की। जीडीए उपाध्यक्ष ने मामलों की गंभीरता देखते हुए तत्काल इसकी फाइल और रिपोर्ट तलब की। इसमें पाया गया कि कनिष्ठ लिपिक विनोद कुमार मिश्रा ने अनुमोदन के बाद भी 19 दिसंबर 2024 तक उक्त फ्लैट के आवंटन पत्र जारी नहीं किए। इससे स्पष्ट है विनोद मिश्रा ने अपने कार्य को गंभीरतापूर्वक एवं निष्ठा से नहीं किया।

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जीडीए उपाध्यक्ष ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए विधि अनुभाग से संबंद्ध कर दिया। साथ ही जीडीए सचिव को जांच अधिकारी नामित किया है। वह मामले की पूरी जांच करते हुए आरोप पत्र जारी करेंगे। जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने कहा कि इस प्रकार अनावश्यक पत्रावली को लंबित रखने के कारण जीडीए की छवि धूमिल हुई है, जो कर्मचारी नियमावली में उल्लेखित नियमों के विपरीत है। उन्होंने कहा कि कोई भी कर्मचारी अपने कार्यों में लापरवाही बरतेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इंद्रप्रस्थ योजना में पहले आओ, पहले पाओ योजना के अंतर्गत फ्लैट का आवंटन पत्र दो महीने तक जारी नहीं किया गया। आवंटी को जानबूझकर चक्कर लगवाने पर कनिष्ठ लिपिक विनोद कुमार मिश्रा को निलंबित किया गया है।




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