एकाग्रता के लिए सबसे बेहतर क्या
मनोविज्ञान की प्रोफेसर तूलिका श्रीवास्तव का मानना है कि छात्रों को अपनी दिनचर्या को समझदारी से प्लान करना चाहिए. वे कहती हैं, “अक्सर शादियां 10-10 दिनों तक चलती हैं, लेकिन हर फंक्शन में जाना जरूरी नहीं है. मुख्य फंक्शन्स जैसे मेहंदी, संगीत और शादी में ही हिस्सा लें. दिन में सोएं और रात को या सुबह में 3 बजे उठकर पढ़ाई करें. यह समय शांत और एकाग्रता के लिए सबसे बेहतर होता है.” प्रोफेसर तूलिका के अनुसार, शादियों के दौरान छात्रों को खुद पर ध्यान देना होगा ताकि पढ़ाई के लिए जरूरी ऊर्जा बनी रहे.
करें फोकस और टारगेट सेट
जाने-माने शिक्षक कमलेश सिंह कहते हैं कि छात्रों को अपना टारगेट पहले से तय करना होगा. वे कहते हैं, “बोर्ड्स की परीक्षा में स्टेप-वाइज मार्किंग होती है. छात्रों को शादी के फंक्शन पर कम फोकस करके अपने करियर पर ध्यान देना चाहिए. शादी में जाने से पहले 4-5 घंटे जरूर पढ़ाई करें और अपने नोट्स का रिवीजन करें.”
स्टूडेंट्स की राय : शादी बार-बार आती है, लेकिन..
जब लोकल 18 ने इस बारे में कुछ छात्रों से बात की तो उन्होंने बोर्ड्स को अपनी प्राथमिकता बताया. पायल कहती हैं, “बोर्ड्स की परीक्षा तो सिर्फ एक बार होती है, लेकिन शादियां तो हर साल होती हैं.” वहीं, नव्या के अनुसार, टीचर की मदद से सिलेबस पहले ही खत्म हो गया है, अब केवल रिवीजन करना बाकी है. इससे मुझे पढ़ाई और शादियों के बीच संतुलन बनाने में मदद मिल रही है.
खुद की प्राथमिकताएं समझना जरूरी
वहीं, एक्सपर्ट्स का कहना है कि छात्रों की स्पष्ट सोच से पता चलता है कि वे अपने भविष्य के प्रति कितने गंभीर हैं. शादी का सीजन छात्रों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन सही प्लानिंग और अनुशासन से वे दोनों में बैलेंस बनाया जा सकता है. खुद की प्राथमिकताओं को समझकर छात्र न केवल परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं, बल्कि शादी का भी आनंद ले सकते हैं.
Tags: Board exam news, Local18
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