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-यह शिखर सम्मेलन नवप्रवर्तन का मार्ग तलाशने के लिए इच्छुक उद्यमियों, युवाओं का करेगा मार्गदर्शन: डॉ अजय कुमार
-नवाचारों से महत्वपूर्ण वैश्विक प्रभाव, उद्योगों में जटिल चुनौतियों का निकलेगा समाधान: डॉ अर्पित चड्ढा

गाजियाबाद। मोहन नगर स्थित आईटीएस में द फ्यूचर ऑफ इनोवेशन फ्रॉम स्टार्ट अप टू ग्लोबल इंपैक्ट विषय पर बुधवार को स्टार्टअप समिट 2024 का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि सौरभ मुंजाल, सह-संस्थापक और सीईओ, लाहौरी जीरा, गेस्ट ऑफ ऑनर, नितिन जैन, संस्थापक, इंडिगिफ्ट्स, इंडिबनी, आईटीएस -द एजुकेशन ग्रुप के वाइस चेयरमैन अर्पित चड्ढा, आई.टी.एस स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के निदेशक डॉ. अजय कुमार, इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस के निदेशक डॉ. वीएन बाजपेयी, कार्यक्रम की संयोजक डॉ याचना मल्होत्रा द्वारा परंपरागत रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य तीव्र तकनीकी प्रगति और वैश्विक अर्थव्यवस्था में अभूतपूर्व बदलाव के युग में, विकास, स्थिरता और प्रतिस्पर्धात्मकता के लिए नवाचार की भूमिका पर परिचर्चा करना था। उद्घाटन सत्र का विषय नवप्रवर्तकों और उद्यमियों के लिए भविष्य की चुनौतियां था।

उद्घाटन सत्र की शुरुआत डॉ. अजय कुमार, निदेशक, आई.टी.एस स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के स्वागत भाषण से हुई। डॉ अजय कुमार ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन नवप्रवर्तन का मार्ग तलाशने के लिए इच्छुक उद्यमियों, उद्योग विशेषज्ञों और शिक्षाविदों तथा युवाओं को मार्गदर्शन करेगा। इस आयोजन का उद्देश्य छात्रों को नौकरी निर्माता में बदलना है। तत्पश्चात कार्यक्रम की संयोजक डॉ याचना मल्होत्रा ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। आईटीएस- द एजुकेशन ग्रुप के वाइस चेयरमैन अर्पित चड्ढा ने कहा कि नवाचारों में सृजन की क्षमता होती है और नवाचार ही से महत्वपूर्ण वैश्विक प्रभाव, उद्योगों में जटिल चुनौतियों का समाधान निकलेगा। गेस्ट ऑफ ऑनर नितिन जैन ने कहा कि आज जरूरी है कि नई पीढ़ी समावेशी विकास को बढ़ावा देते हुए और जिम्मेदारी से उभरती प्रौद्योगिकियों का उपयोग कर सकें और नवप्रवर्तन के परिदृश्य में निहित जोखिमों का प्रबंधन करने में सक्षम हों।

मुख्य अतिथि सौरभ मुंजाल ने कहा कि उद्यमियों और नवप्रवर्तकों को विभिन्न प्रकार की बाधाओं का सामना करना पड़ता है। प्रौद्योगिकी प्रगति और बदलती बाजार स्थितियां और चुनौतीपूर्ण वैश्विक मुद्दों को हल करने में रचनात्मकता, लचीलापन, अनुकूलनशीलता और समर्पण भी अति आवश्यक है। इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस के निदेशक डॉ. वीएन बाजपेयी ने कहा कि स्टार्ट-अप को आज नए दृष्टिकोण की आवश्यकता है। नवाचार सामाजिक नवप्रवर्तन लाने, प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने और दुनिया की सबसे गंभीर चुनौतियों से निपटने में मदद कर सकता है।

कार्यक्रम के एक अन्य सत्र में सामाजिक नवाचार और परिवर्तन के चालक के रूप में स्टार्टअप पर पैनल सत्र का आयोजन किया गया जिसमें श्री मुकेश मोहन गुप्ता अध्यक्ष सीआईएमएसएमई, इंजी. संजीव गुप्ता उपाध्यक्ष, एचएसएमई चैंबर ऑफ कॉमर्स, डॉ. वी.के. अरोड़ा, सीईओ, अन्वेषण फाउंडेशन,विक्रम बुद्धिराजा, सीईओ पी लो शुद्ध पानी सेवा फाउंडेशन समर्थ कक्कड़, संस्थापक, डीजे लैब्स मीडिया अंकित त्रिपाठी, संस्थापक यूएनईएकेओ ने भाग लिया। इस पैनल में स्टार्ट-अप को वित्तीय सफलता व सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन के दोहरे उद्देश्य से स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।

इस अवसर पर आई टी एस-द एजुकेशन ग्रुप के चेयरमैन डॉ आरपी चड्ढा ने कांफ्रेंस के आयोजन के लिए प्रसन्नता जाहिर की। वाईस चेयरमैन अर्पित चड्ढा ने आयोजकों को कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु शुभकामनाएं दी। सभी अतिथियों को कृतज्ञता के प्रतीक के रूप में स्मृति चिन्ह और उपहार प्रदान किए गए। सत्र का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया। सभी सत्रों में छात्रों की सक्रिय भागीदारी रही।

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