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Crime News: वह सिक्‍योरिटी गार्ड बातचीत के बहाने ना जानें क्‍या कहता, युवतियां उसके बातों के ‘सम्‍मोहन’ में फंसती चली जाती. इस तरह यह शख्‍स अबतक सैंकड़ों युवतियों को अपने के जाल में फंसाने में कामयाब रहा था. इस सिक्‍योरिटी गार्ड की शिकार बनी ज्‍यादातर युवतियां अपनी आपबीती पुलिस से साझा करने के बजाय चुप्‍पी मारकर बैठ जाती थीं. वहीं, युवतियों की चुप्‍पी का फायदा उठाकर एक के बाद एक नई युवती को अपना शिकार बनाता चला गया.

बीती 23 नवंबर को इस सिक्‍योरिटी गार्ड की साजिश का शिकार हुई एक युवती हिम्‍मत करके आगे आई और उसने इसकी करतूतों की शिकायत साइबर वेस्‍ट पुलिस स्‍टेशन में कर दी. युवती ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया कि उसने एक मैट्रिमोनियल वेबसाइट पर अपनी शादी के लिए एक प्रोफाइल बनाई थी. इस प्रोफाइल पर मनोज गाहल्‍याण नामक शख्‍स ने रुचि जाहिर की थी. मनोज की प्रोफाइल आकर्षक थी, लिहाजा उसने आरोपी से बातचीत की.

यह बातचीत शुरूआत में वेबसाइट के मैसेंजर के जरिए और फिर फोन के जरिए होने लगी. कुछ दिनों की बातचीत के बाद मनोज उस पर मिलने का दबाव डालने लगा, जिससे एक-दूसरे को बेहतर तरीके से जाना जा सके. मनोज की बात युवती को ठीक लगी और दोनों के बीच मुलाकातें शुरू हो गई. इन मुलाकातों के दौरान, मनोज ने अपनी बातों के ‘मोहपाश’ में उसे ऐसा फंसाया कि वह उसके साथ शादी का सपना सजोने लगी थी. इसी भरोसे का फायदा उठाकर उससे जुड़ी सभी जानकारियां इकट्ठा करने लगा.

फाइनेंसियल लिंक से आरोपी तक पहुंची साइबर पुलिस
इन जानकारियों में युवती की फाइनेंसियल कंडीशन के साथ उसकी क्रेडिट कार्ड की जानकारियां भी शामिल थी. इसके बाद, आरोपी मनोज ने चुपके से युवती का क्रेडिट कार्ड हासिल कर लिया और उसे बताए बिना फाइनेंसियल ट्रांजेक्‍शन करने लगे. वहीं, फाइनेंसियल ट्रांजेक्‍शन की जानकारी मिलने के बाद उसने मनोज से मिलने और बात करने की कोशिश की, लेकिन यह संभव नहीं हो सका. पीडि़ता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी.

पश्चिमी जिला के डीसीपी विचित्रवीर ने बताया कि आरोपी मनोज ने पीडि़ता के जिस एकाउंट से अपने एकाउंट में रुपए ट्रांसफर किए थे, उनकी पड़ताल की गई. पड़ताल में पता चला कि बैंक में दर्ज पता फर्जी है. इसके बाद, पुलिस ने आरोपी द्वारा क‍िए गए ट्रांजेक्‍शन को खंगालना शुरू किया. ट्रांजेक्‍शन लिंक की मदद से पुलिस उन दुकानों तक पहुंच गई, जहां से आरोपी ने पीडि़ता के क्रेडिट कार्ड से खरीददारी की थी. इन दुकानों से मिले सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपी की पहचान कर ली गई.

आरोपी की गिरफ्तारी के लिए साइबर वेस्‍ट थाना के एसएचओ इंस्पेक्टर धर्मेंद्र के नेतृत्‍व में एक टीम का गठन किया गया, जिसमें एसआई रोहन, हेडकॉन्‍स्‍टेबल नवीन और कॉन्‍स्‍टेबल राजेंद्र भी शामिल थे. टेक्निकल सर्विलांस की मदद से जल्‍द ही आरोपी मनोज की लोकेशन भी खोज निकाली गई और पुलिस टीम ने छापेमारी कर उत्तर-पूर्वी दिल्ली के उस्मानपुर इलाके आरोपी 35 वर्षीय मनोज गहल्यान को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद, मनोज ने पुलिस की पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए.

आरोपी ने पूछताछ में किए कई चौंकाने वाले खुलासे
आरोपी मनोज ने खुलासा किया कि वह पानीपत (हरियाणा) के जोरशी खालसा का रहने वाला है. वह जीवन यापन के लिए सिक्‍योरिटी गार्ड का काम करता है. 2017 में उसने कई मैट्रिमोनियल साइट पर अपनी प्रोफाइल तैयार की. फिर इसके बाद, वह इन मेट्रोमोनियल साइट में उन युवतियों की तलाश करने लगा, जिनकी फाइनेंसियल प्रोफाइल अच्‍छी हो और वह शादी के लिए योग्‍य युवकों की तलाश कर रही हों. इन युवतियों को वह पहले अपनी प्रोफाइल भेजता और फिर इंट्रेस्‍ट दिखाने वाली युवतियों से बातचीत शुरू कर देता.

अपने जाल में फंसाने के लिए वह अपनी अलग-अलग कहा‍नियां इन युवतियों को सुनाता था. पूरी तरह से भरोसा जीतने के बाद वह युवतियों को मिलने के बहाने बुलाया था और बड़ी चतुराई से उनका क्रेडिट और डेबिट कार्ड हासिल कर लेता. इसके बाद, युवतियों के खातों में मौजूद रुपयों को अपने एकाउंट में ट्रांसफर कर लेता था. पुलिस अब यह पता लगाने का प्रयास कर रही है आरोपी 2017 से अब तक कुल कितनी युवतियों को अपने जाल में फंसाकर ठग चुका है. अभी तक के आंकलन के अनुसार पुलिस मान रही है कि वह सैकड़ों युवतियों को अपना शिकार बना चुकी है.

Tags: Cyber Fraud, Delhi police

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