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मुंबई. महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली महायुति सरकार की नैया धीरे-धीरे डगमगाने लगी है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि कैबिनेट विस्तार के बाद गठबंधन में विधायकों की नाराजगी खुलकर सामने आई है. सीएम पद और दो डिप्टी सीएम के शपथ लेने के 10 दिन बाद फडणवीस के कैबिनेट एक्सपेंशन में दस पूर्व मंत्रियों को जगह नहीं मिल पाई. सबसे अधिक मंत्री पद बीजेपी के विधायकों को मिले, जबकि उसके बाद एकनाथ शिंदे की शिवसेना और फिर अजित पवार की एनसीपी को अहमियत दी गई. इसी दौरान कैबिनेट में मंत्री ना बनाए जाने से शिवसेना और एनसीपी के विधायकों में गुस्सा देखा जा रहा है.

पहले एकनाथ शिंदे गुट के विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने मंत्री पद ना मिलने से नाराजगी जताई थी और अब अजित पवार की एनसीपी के विधायक छगन भुजबल ने भी मोर्चा खोल दिया है. अभी सरकार का गठन हुआ ही था कि महायुति की दीवार जैसे दरकने लगी है. विधायकों की यह नाराजगी कहीं महायुति के गले की फांस ना बन जाए.

क्या होगा छगन भुजबल का अगला कदम
एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने सोमवार को नई महायुति सरकार में शामिल नहीं किए जाने पर निराशा व्यक्त की और कहा कि वह अपने चुनाव क्षेत्र के लोगों से बात करने के बाद भविष्य की राह तय करेंगे. भुजबल ने कहा कि वह नई कैबिनेट में शामिल नहीं किए जाने से नाखुश हैं. अपने भविष्य के कदम के बारे में पूछे जाने पर नासिक जिले के येओला निर्वाचन क्षेत्र के विधायक ने कहा, “मुझे देखने दीजिए. मुझे इस पर विचार करने दीजिए. मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से बात करूंगा और समता परिषद के साथ चर्चा करूंगा.”

शिवसेना MLA ने भी जताई थी नाराजगी
इससे पहले, शिवसेना के भंडारा से विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में शामिल न किये जाने पर निराशा जाहिर करते हुए पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था. भोंडेकर ने भंडारा जिले में रविवार को संवाददाताओं से बात करते हुए दावा किया कि उनकी पार्टी के प्रमुख एवं उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उन्हें मंत्रिमंडल में जगह देने का वादा किया था. भोंडेकर शिवसेना के उपनेता और पूर्वी विदर्भ जिलों के समन्वयक थे. भोंडेकर ने कहा, “मेरी किसी पद बने रहने की मानसिकता नहीं है. मैंने पार्टी नेताओं को अपना इस्तीफा सौंप दिया है और उनके जवाब का इंतजार कर रहा हूं.”

फडणवीस कैबिनेट में 39 विधायकों ने शपथ ली
गौरतलब है कि देवेंद्र फडणवीस नीत सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में रविवार को महायुति के सहयोगी दलों के कुल 39 विधायकों ने शपथ ली थी, जिनमें 16 नए चेहरे शामिल हैं. सहयोगी दलों में सबसे बड़ी पार्टी होने के कारण भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 19 मंत्री पद मिले, जबकि शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना को 11 और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को नौ मंत्री पद मिले.

Tags: Ajit Pawar, Devendra Fadnavis, Eknath Shinde

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