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अयोध्या: हिंदू पंचांग के अनुसार 15 दिसंबर से साल 2024 का अंतिम खरमास शुरू होने वाला है. जिसका समापन 14 जनवरी को होगा. धार्मिक मान्यता के अनुसार खरमास के दौरान कोई भी शुभ अथवा मांगलिक कार्य नहीं  किए जाते  हैं. खरमास के एक महीने तक सभी तरह की शुभ कार्य करने की मनाही होती है. क्योंकि यह माना जाता है कि इस अवधि में सूर्य देव की ऊर्जा की प्रभावशीलता कम हो जाती है, जिससे किसी भी शुभ कार्य का अच्छा परिणाम नहीं प्राप्त होता. खरमास में दान पुण्य करने का विशेष महत्व बताया गया है. ऐसे में यदि आप इस अवधि में गरीब जरूरतमंद लोगों को दान पुण्य करते हैं, तो ऐसा करने से जीवन में अच्छे परिणाम मिलते हैं .

अयोध्या के ज्योतिषी  पंडित कल्कि राम बताते हैं कि 15 दिसंबर को सूर्य देव बृहस्पति की राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं, जिससे खरमास की शुरुआत हो रही है. इस दिन धनु संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है. इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य विवाह, गृह प्रवेश  नहीं किए जाते हैं. मान्यता के अनुसार खरमास के दौरान दान पुण्य का विशेष महत्व भी होता है.

खरमास की अवधि में पीतल अथवा स्टील के बर्तनों का दान करना बेहद शुभ माना जाता है. ऐसा करने से पारिवारिक कल की स्थिति से छुटकारा प्राप्त होता है और जीवन में सुख शांति बनी रहती है. इसके अलावा खरमास के दौरान गरीब असहाय की मदद भी करनी चाहिए. ऐसा करने से जीवन में अच्छे परिणाम भी देखने को मिलते हैं. खरमास की अवधि में गर्म कपड़े, कंबल आदि का दान करना बेहद शुभ माना जाता है. ऐसा करने से माता लक्ष्मी की विशेष कृपा भी प्राप्त होती है. इसके अलावा खरमास के दौरान केसर का दान करना चाहिए.

Tags: Hindi news, Local18, Religion 18

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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