लखनऊ. लीडरशिप को लेकर इंडिया गठबंधन में मचे घमासान का असर अब उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिल रहा है. यूपी में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच मुद्दों को लपकने की लड़ाई चल रही है. होड़ लगी है कि कौन पहले मुद्दे को भुना लेता है. फिलहाल, नजर तो यही आ रहा है कि कांग्रेस इस रेस में सपा से आगे चल रही है. दरअसल, 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में अपनी रणनीति में बदलाव किया है. प्रदेश में जमने से जुड़े मुद्दों के सहारे पार्टी में नई जान फूंकने की कोशिश है.
ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि पिछले दिनों संभल हिंसा को लेकर समाजवादी पार्टी ने मुद्दे को जोरशोर से सांसद में उठाया. जिसके बाद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी संभल के लिए रवाना हो गए. हालांकि उन्हें गाजियाबाद बॉर्डर पर रोक लिया गया, लेकिन करीब डेढ़ घंटे ताको राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समर्थकों संग बॉर्डर पर डटे रहे और मीडिया में छाए रहे. इसके बाद दो दिन पहले ही संभल हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों ने दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाक़ात की और मदद मांगी. राहुल गांधी ने उन्हें मदद का आश्वासन दिया. कहा जा रहा है कि यहां पर राहुल गांधी ने अखिलेश से बाजी मार ली.
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सपा ने राहुल से पहले संभल पीड़ितों से मिलने का किया दावा
हालांकि, राहुल गांधी से संभल हिंसा पीड़ितों की मुलाक़ात के बाद तुरंत समाजवादी पार्टी की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई. संभल सपा सांसद जिया उर्रहमान बर्क ने कहा कि राहुल गांधी से मुलाकात करने से पहले सभी परिवारों ने उनसे मुलाक़ात की थी. समाजवादी पार्टी ने मृतकों के परिवार को 5-5 लाख रुपए की आर्थिक मदद की है. साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ने सभी आरोपियों को कानूनी सहायता देने की बात कही है.
कांग्रेस के बाद अब सपा डेलीगेशन भी मिलेगा किसानों से
दूसरा मुद्दा था दिल्ली बॉर्डर पर अनशन कर रहे किसानों का. कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने किसानों से मुलाक़ात कर यहां भी बाजी मार ली. जिसके बाद समाजवादी पार्टी की तरफ से गुरुवार को पार्टी के डेलीगेशन को भेजने का ऐलान कर दिया गया. बताया गया कि किसानों से मुलाकात के लिए सपा का 16 सदस्यीय डेलिगेशन गौतमबुद्धनगर जाएगा. इस डेलीगेशन में 3 सांसद, एक विधायक समेत 16 सदस्य होंगे जो किसानों से मुलाकात के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों से भी बात करेगा.
मथुरा पहुंचकर राहुल ने अखिलेश को चौंकाया
तीसरा मौका तब राहुल गांधी ने लपक लिया जब वे अचानक से गुरुवार को हाथरस पहुंच गए. 2020 में हाथरस रेप मर्डर काण्ड की पीड़िता के परिवार वालों से उन्होंने मुलाक़ात की. पीड़िता के परिजनों ने बताया कि उन्होंने पात्र लिखकर अपनी समस्या बताई थी और मदद मांगी थी. बता दें कि इस मामले में तीन आरोपी कोर्ट से बरी हो चुके हैं. यहां भी राहुल गांधी अखिलेश यादव से एक कदम आगे निकले.
2027 के लिए गोटियां सेट कर रही कांग्रेस
जानकारों की मानें तो कांग्रेस 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में अपने मुद्दों को सेट कर अपने लिए जमीन तैयार कर रही है. यह स्थिति समाजवादी पार्टी को असहज करने वाली हो सकती है, क्योंकि दोनों ने लोकसभा का चुनाव मिलकर साथ लड़ा था. जिसकी वजह से कांग्रेस को 6 सीटें मिली तो वहीं सपा 37 सीट जीतने में कामयाब रही. हालांकि, उपचुनाव में सपा की तरफ से कांग्रेस को कोई सीट नहीं दी गई. दो सीटों का ऑफर दिया गया था, लेकिन कांग्रेस ने रणनीति के तहत चुनाव नहीं लड़ा. नतीजा रहा सपा महज दो सीट पर जीत दर्ज कर सकी. इसी तरह विधानसभा चुनाव में स्थिति जुदा होगी. यहां मुकाबला सीधे बीजेपी से होगा. साथ ही बसपा, आजाद समाज पार्टी जैसे सियासी दल भी जोर आजमाईश करते नजर आएंगे. अभी जिस तरह से इंडिया ब्लॉक में रार चल रही है, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या 2027 में अखिलेश और राहुल एक साथ मिलकर योगी आदित्यनाथ को चुनौती देंगे?
Tags: Akhilesh yadav, Lucknow news, Rahul gandhi, UP latest news
FIRST PUBLISHED : December 12, 2024, 12:41 IST
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