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बेंगलुरु के माता-पिता को अपने बच्चों को निजी स्कूलों में भेजने से पहले सतर्क रहना चाहिए. यहां अनाधिकृत निजी स्कूलों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है. इसी समस्या को देखते हुए शिक्षा विभाग ने ऐसे स्कूलों की एक सूची तैयार की है, जो नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं.

आईटीसीटी में अनधिकृत निजी स्कूलों का संकट
माता-पिता अपने बच्चों का उज्ज्वल भविष्य चाहते हैं, चाहे इसके लिए कितनी भी मुश्किलों का सामना करना पड़े. इसलिए लाखों रुपए खर्च कर वे अपने बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला दिलाते हैं. लेकिन अब सवाल यह है कि क्या ये निजी स्कूल वाकई सुरक्षित हैं? बेंगलुरु में अनाधिकृत स्कूलों की संख्या चिंताजनक स्तर तक बढ़ गई है. शिक्षा विभाग ने ऐसे बड़े-बड़े स्कूलों को भी अपनी सूची में शामिल किया है, जो मान्यता के बिना काम कर रहे हैं. बेंगलुरु साउथ जोन में 348 स्कूलों को अनधिकृत घोषित किया गया है.

अभिभावकों की मांग
पिछले चार वर्षों से अनाधिकृत स्कूलों को सूचीबद्ध करने के लिए अव्यवस्थित प्रक्रिया अपनाई जा रही है. सबसे बड़ी समस्या यह है कि अब तक यह तय नहीं हुआ कि शिक्षा विभाग इस समस्या का समाधान कहां और कैसे करेगा. राज्य में करीब 10 हजार स्कूल इससे प्रभावित हो रहे हैं. रूपसा प्राइवेट स्कूल ऑर्गेनाइजेशन के लोकेश तालिकट्टी ने दावा किया कि इस प्रक्रिया में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हो रहा है.

पिछले साल जारी की गई थी सूची
पिछले वर्ष शिक्षा विभाग ने बेंगलुरु समेत पूरे राज्य में एक हजार से अधिक निजी स्कूलों की सूची जारी की थी. इन सभी स्कूलों को पहले ही दो बार नोटिस दिया जा चुका है, बावजूद इसके कई स्कूल बिना मान्यता के नए शैक्षणिक सत्र के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं.

भ्रष्टाचार का आरोप
यह भी आरोप लगाया गया है कि बीईओ और डीडीपीआई जैसे अधिकारी अनाधिकृत स्कूलों से पैसे वसूल रहे हैं. ऐसे में अभिभावकों ने मांग की है कि अनाधिकृत स्कूलों की सूची सार्वजनिक की जाए ताकि वे सही निर्णय ले सकें.

(रिपोर्ट: शरणु हम्पी, न्यूज 18, बेंगलुरु)

Tags: Bengaluru News, Local18, Special Project

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