गिलहरियां वास्तव में अनाथ गिलहरी के बच्चों को ही गोद लेती हैं, लेकिन इसके पीछे कुछ शर्तें होती हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ ग्वेल्फ द्वारा की गई एक अध्ययन के अनुसार, लाल गिलहरियां अनाथ बच्चों को तभी गोद लेती हैं जब वे गोद लेने वाली मां के करीबी रिश्तेदार होते हैं. गिलहरियों में भी रिश्तेदारी और देखभाल की भावना होती है जिससे वे अपने परिवार के बच्चों को अपनाने के लिए तैयार रहती हैं.
वैसे रिसर्च कहती हैं कि लाल गिलहरियां थोड़ा अनसोशल होती हैं और वह पहले यह जांचती हैं कि गिलहरियों के वे अनाथ बच्चे उनके ‘रिश्तेदार’ हैं या नहीं, और इस आधार पर गोद लेने का निर्णय करती हैं.
हालांकि गिलहरी के गोद लेने के मामले बहुत कम होते हैं. शोधकर्ताओं ने पाया कि गोद लिए गए बच्चे गोद लेने वाली मां के भतीजे, भतीजी, भाई-बहन या पोते-पोतियां थे. (एजेंसियों से इनपुट)
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