सपा के राष्ट्रीय प्रवक्त उदयवीर सिंह ने सुझाव दिया कि अगर ममता कमान संभालने के लिए तैयार हैं, उनकी बातों पर विचार करना चाहिए. उन्होंने टीएमसी को 100 फीसदी सपोर्ट देने की बात कही. उदयवीर सिंह ने कहा, अगर ममता बनर्जी ने को इच्छा जताई है तो इस पर इंडिया अलायंस के दलों को विचार करना चाहिए और उन्हें समर्थन देना चाहिए. इससे अलायंस मजबूत होगा. ममता बनर्जी बंगाल में भाजपा को रोकने में कामयाब रही हैं. हमें उनसे सहानुभूति है. उनसे हमारा भावनात्मक रिश्ता पहले से है. सपा नेता ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा, चाहे हरियाणा हो या महाराष्ट्र, जहां भी सरकार नहीं बन पाई, वहां कांग्रेस ही सबसे बड़ी पार्टी थी. अगर कामयाबी नहीं मिली, तो यह विफलता उन्हीं की है.
आरजेडी के नेता क्या दे गए संकेत
तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी ने अलग ही राग अलापा. आरजेडी के प्रवक्त मृत्युंजय तिवारी ने कहा, लालू यादव की पहल पर विपक्षी गठबंधन की पहली बैठक हुई थी. बीजेपी के खिलाफ गठबंधन के असली सूत्रधार लालू यादव हैं. सभी अपने-अपने राज्यों में भाजपा के खिलाफ लड़ रहे हैं. ममता बजर्नी पश्चिम बंगाल में बीजेपी के खिलाफ मजबूती से खड़ी हैं. अब 2025 में बिहार की बारी है. आरजेडी के नेता का साफ संकेत है कि कमान बिहार के नेता को मिलनी चाहिए.
सीपीआई का क्या रुख
सीपीआई महासचिव डी राजा ने कहा, कांग्रेस को आत्मचिंंतन करने की जरूरत है. उसने हरियाणा और महाराष्ट्र चुनावों में इंडिया अलायंस के दलों को साथ नहीं लिया. कांग्रेस ने अगर गठबंधन सहयोगियों की बात सुनी होती तो महाराष्ट्र और हरियाणा में वो नतीजे नहीं होते, जो आज देखने को मिले हैं.
बीजेपी का हमला
बीजेपी ने ममता के बयान पर निशाना साधा. बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, जब से कांग्रेस महाराष्ट्र और हरियाणा में हारी है तब से INDI गठबंधन में किस प्रकार का विभाजन देखने को मिल रहा है वो ममता बनर्जी के बयान से पता चलता है.जो INDI गठबंधन का नेतृत्व है यानी कांग्रेस है, उससे ‘हो नहीं पा रहा है’. ऐसा ही बयान विपक्षी पार्टियों का भी आया है. समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस का समर्थन नहीं दिया जब वो संसद में प्रदर्शन कर रहे थे. हर जगह कांग्रेस, खासकर राहुल गांधी, जो 80-90 चुनाव हार चुके हैं अब उनके खिलाफ जनता नहीं बल्कि उनके खुद के साथी अविश्वास प्रस्ताव पारित कर रहे हैं.
कांग्रेस ने सुनाई खरी-खरी
ममता के INDIA ब्लॉक का नेतृत्व करने पर कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने विरोध जताया. न्यूज18इंडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, किसी व्यक्ति विशेष का नेतृत्व का जहां तक सवाल है, वो गठबंधन तय करेगा. इंडिया अलायंस में कोई फैसला सर्वसम्मति से होगा, कोई एक पार्टी फैसला नहीं ले सकती. गठबंधन में 17 से 18 पार्टियां है, कोई फैसला सर्वसम्मति से ही होगा. इंडिया अलायंस मजबूत हो सब चाहते हैं.
संसद में भी दिखी दरार
संसद के शीतकालीन सत्र में भी इंडिया अलायंस में दरार नजर आई. राहुल गांधी जिस मुद्दे पर चर्चा करना चाहते थे, उसका तृणमूल कांग्रेस और सपा के नेताओं ने विरोध किया. वे साथ खड़े नजर नहीं आए. इसका फायदा बीजेपी ने उठाया और आखिरकार उस मुद्दे पर चर्चा नहीं हो पाई. अब नेताओं की बयानबाजी पर बीजेपी मजे ले रही है.
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