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Delhi Metro
– फोटो : AdobeStock

विस्तार


दिल्ली मेट्रो की सबसे पुरानी रेड लाइन के विस्तार का रास्ता अब पूरी तरह से साफ हो चुका है। मेट्रो फेज-4 के छठे व आखिरी रिठाला-नरेला-कुंडली मेट्रो कॉरिडोर को केंद्र सरकार की तरफ से हरी झंडी दे दी गई। टेंडर आवंटित होने के बाद चार साल में निर्माण कार्य पूरा कर लिया जााएगा। परियोजना पर 6,231 करोड़ रुपये खर्च होंगे। कॉरिडोर के बनने के बाद दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के लाखों यात्रियों को फायदा होगा। वहीं, नरेला सब-सिटी में आवाजाही भी आसान होगी। इससे इस इलाके के विकास को पंख लगेंगे। नरेला सब सिटी एजुकेशन हब के तौर पर विकसित होगा।

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इस रूट पर मेट्रो दौड़ाने का प्रोजेक्ट करीब 20 साल से लंबित था। इसे बनाने की योजना सबसे पहले फेज-एक में ही थी, लेकिन प्राथमिकता बदलने से इस दिशा में काम नहीं हो सका। बाद में फेज-4 योजना तैयार की गई थी। फेज-4 के तहत कुल छह कॉरिडोर का निर्माण कराना था। इसमें तीन प्रमुख कॉरिडोर जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम, मजलिस पार्क-मौजपुर व तुगलकाबाद-एरोसिटी का निर्माण कार्य चल रहा है।

उधर, मार्च में इस साल मार्च इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ व लाजपत नगर-साकेज जी ब्लॉक मेट्रो कॉरिडोर को केंद्र सरकार ने स्वीकृति दी थी। अब रिठाला-कुंडली कॉरिडोर को मंजूरी मिलने से फेज-चार के सभी कॉरिडोर के निर्माण में तेजी आएगी। पहले फेज में रिठाला से नरेला तक करीब 22 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर के निर्माण की योजना थी। इस प्रस्तावित कॉरिडोर के डीपीआर में कई बार बदलाव होने के बाद बीते वर्ष जुलाई में केंद्र सरकार ने कॉरिडोर को नरेला से पांच किलोमीटर आगे हरियाणा के नाथुपुर तक बढ़ाने का निर्देश दिया था। इसके मद्देनजर दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने नई डीपीआर तैयार किया है।

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