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गाजियाबाद। 30 साल पहले गायब हुआ एक बच्चा अचानक इंद्रराज उर्फ राजू शातिर चोर निकला। राजू बेटा बनकर शहीद नगर के एक परिवार में लौट आया और मां व बहन का दुलारा बन गया था। शुक्रवार को साहिबाबाद पुलिस ने राजू को गिरफ्तार कर लिया। यह 8 परिवारों के साथ बेटा बनकर पंजाब,हरियाणा और देहरादून में रहा था। इसके परिवार ने वर्ष-2005 में ही इसे बेदखल कर दिया था। दो दिन बाद पता चला कि युवक देहरादून में भी एक परिवार के साथ बेटा बनकर रहा था। इसके अगले दिन उसके राजस्थान के सीकर में एक परिवार के साथ रहने की बात सामने आई,फिर आठ परिवारों के साथ रहने का पता चला। शातिर राजू भी पुलिस को खूब छका रहा है। वहीं, अभी तक जो चाय और दूध तक पहचान नहीं पा रहा था, वह अचानक खाने-पीने की चीजें तो पहचानने लगा है, लेकिन पुलिस को पांच परिवारों के बारे में कुछ खास नहीं बता रहा है और न ही पुलिस इनके बारे में ठोस जानकारी जुटा पा रही है।

खोड़ा पुलिस के पास 24 नवंबर को पहुंचे राजू ने बताया था कि 30 वर्ष पहले एक ट्रक चालक उसका अपहरण कर राजस्थान ले गया था। वहां जैसलमेर के एक गांव में भेड़-बकरी चरवाते थे और खेतों में झोपड़ी यातनाएं देते थे। एक ट्रक चालक सरदार जी उसे दिल्ली लेकर आए और गाजियाबाद लेकर आए। गाजियाबाद के शहीद नगर के तुलेराम और उनकी पत्नी लीलावती ने बचपन की चोट के निशान के अधार पर उसे अपना बेटा बताया, राजू मां कहकर गले से लग गया। उसके बचपन का नाम भीम सिंह था। प्यार से उसे राजू और पन्नू कहते थे। इसके बाद शनिवार पता चला कि राजू देहरादून के लोहियानगर (पटेल नगर) निवासी कपिल शर्मा के यहां भी पांच माह तक उनका बेटा मोनू शर्मा बनकर रहा है। वहां भी उसने कहानी यही सुनाई थी,यहां वह 15 वर्ष पूर्व गायब हुआ था। इसके बाद उसके राजस्थान के सीकर में एक परिवार के यहां रहने की बात सामने आई तो गंगानगर मे उसके वास्तविक माता-पिता होने का भी पता चला। साथ ही यह भी पता चला कि वह अब तक आठ परिवारों में बेटा बनकर रह चुका है।

खुद को कानूनी शिकंजे में फंसता देख राजू ने रंग बदल लिए और अब वह मोबाइल से लेकर खाद्य पदार्थ तो पहचान रहा है, लेकिन पुलिस को इन आठ परिवारों के बारे में कुछ नहीं बता रहा है। इसका असली नाम इंद्रराज है। उसके परिवार में माता-पिता, एक भाई व दो बहनें हैं। पिता का नाम चुन्नीलाल है। 2011 में चुन्नीलाल ने उसे घर से निकाल दिया था। घर से निकलने के बाद उसने अपना नाम राजू रख लिया था।शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटील ने एसीपी साहिबाबाद रजनीश उपाध्याय की मौजूदगी में खुलासा किया। डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटील ने बताया कि साहिबाबाद पुलिस ने खुद के अपहरण की झूठी सूचना देने व लोगों का पुत्र बताकर उनके साथ धोखाधड़ी करने वाले राजू को गिरफ्तार किया है। 24 नवंबर को खोड़ा थाने में जाकर बताया कि मेरा नाम राजू है और मेरा 30 वर्ष पहले अपहरण कर लिया गया था। जिन्होंने मुझे राजस्थान के जैसलमेर में बंधक बना कर रखा था। मुझे मौका मिला तो मैं एक ट्रक में बैठकर दिल्ली आ गया। दिल्ली से भटकते हुए थाना खोड़ा पहुंचा। थाना खोड़ा पुलिस ने इसकी पहचान के लिए सोशल मीडिया व अखबारों के माध्यम से फोटो जारी की।

खोड़ा थाने के अलावा गाजियाबाद के अन्य थाना क्षेत्रों के व्यक्ति व आसपास के जनपदों से इसकी पहचान के लिए आए। जिनमें तुलाराम पुत्र स्वर्गीय चंदन सिंह निवासी शहीद नगर, साहिबाबाद ने इसकी पहचान अपने पुत्र भीम के रूप में की। पहचान करने पर खोड़ा थाना पुलिस ने तुलाराम के सुपुर्द कर दिया। तुलाराम ने शक होने पर थाना साहिबाबाद पर सूचना दी कि जिस व्यक्ति को मैं और मेरा परिवार अपने पुत्र भीम सिंह उर्फ पन्नू के रूप में शिनाख्त करके अपने घर लाए थे। वह मेरा पुत्र भीम सिंह उर्फ पन्नू बनकर मेरे घर पर पिछले 5 दिनों से रह रहा है। उसके आचरण व हाव-भाव से उस पर संदेह है। इसकी जांच करें। साहिबाबाद पुलिस ने मामले में राजू को पूछताछ करने के लिये साहिबाबाद थाना बुलाया गया। पुलिस के बार-बार पूछताछ करने के बाद अपनी सही पहचान छिपाकर घबराते हुए स्वयं को तुलाराम का गुमशुदा पुत्र भीम सिंह उर्फ पन्नू बताता रहा। पुलिस ने शक होने पर गहनता से पूछताछ की गयी तो इसने बताया कि मेरा सही नाम इंद्रराज पुत्र चुन्नीलाल मेघवाल निवासी वार्ड नंबर-10 चक 3जेएसडी जसद बुगिया थाना जैतसर जिला अनूपगढ़ राजस्थान है। बताया कि मैं बचपन में आसपास में चोरी करने लगा था। इससे तंग आकर परिवारजनों ने इंद्रराज को वर्ष-2005 में घर से बेदखल कर दिया था।

डीसीपी ट्रांस हिंडन ने बताया कि इसकी गहनता से जांच-पड़ताल की गई तो यह तथ्य प्रकाश में आए कि इंद्रराज बचपन से ही चोरी करने लगा था। यह जहां भी रिश्तेदारी व जान-पहचान के लोगों के घर जाता था,वहां पर जो मिलता था,वहीं चोरी कर लेता था। इसकी इन्हीं हरकतों की वजह से तंग होकर परिजनों ने इसे बेदखल कर दिया था। इंद्रराज रावत ने बताया कि मैं हेतराम के घर उनके दूर का रिश्तेदार तथा पैसों के जरूरत होने पर 3 माह रूका तथा मौका पाते ही घर से कागजात व जेवर आदि चोरी कर भाग गया। इसके खिलाफ 31 जनवरी 2021 को थाना रावतसर जनपद हनुमानगढ़ राजस्थान में मुकदमा दर्ज है। अभियुक्त इंद्रराज अपनी पहचान छिपाकर आशा शर्मा पत्नी कपिल देव शर्मा निवासी ब्राह्मण वाला मजरा देहरादून में जुलाई माह से करीब चार महीने तक उनका बेटा मोनू बनकर उनके घर पर रहा। वहां से दिल्ली में काम ढंूढने के लिए भाग आय।

जून 2023 में इंद्रराज अपनी पहचान छिपाकर गुमशुदा पंकज कुमार पुत्र गउराम नायक ग्राम झीगर छोटी थाना दादिया जिला सीकर राजस्थान के नाम से उनका पुत्र बनकर करीब 2 माह तक रहा। वहां से भी मौका पाकर भाग आया। इंद्रराज करीब चार वर्ष पूर्व अपनी पहचान छिपाकर आशाराम पुत्र मनपुरराम निवासी ग्राम लालगडिय़ा थाना रजियासर जनपद गंगानगर के यहां भी उनके पुत्र रामप्रताप के रूप में करीब डेढ़ माह रहा है। जहां इसके परिजनों को जानकारी मिलने पर इसका भाई वहां से ले गया। 25 नवंबर को खोड़ा थाना पर अन्य थाना क्षेत्रों के व्यक्ति व आसपास के जनपदों से व्यक्ति इसकी पहचान के लिए आए। जबकि 27 नवंबर को तुलाराम पुत्र स्वर्गीय चंदन सिंह निवासी शहीद नगर साहिबाबाद ने इसकी पहचान अपने पुत्र भीम के रूप में की। पुलिस ने बताया कि अभियुक्त इंद्रराज अपनी पहचान छिपाकर भटिंडा पंजाब,जैसलमेर राजस्थान, हिसार,सिरसा हरियाणा में अपनी पहचान बदलकर घरों में पुत्र बनकर रहा हैं। मामले में अन्य कुछ तथ्य प्रकाश में आए हैं। पुलिस इसका सत्यापन कर रही हैं।

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