कौन थे राजा बलभद्र सिंह?
आदित्य भान सिंह बताते हैं कि स्वतंत्रता संग्राम के तराई के हीरो राजा बलभद्र सिंह का जन्म 10 जून सन 1840 को बहराइच के चहलारी राज्य के महसी तहसील क्षेत्र में हुआ था. उनके पिता का नाम राजा श्रीपाल सिंह और मां का नाम महारानी पंचरतन देवी था.चहलारी रियासत पर कश्मीर से आए रैकवार राजपूतों का शासन होता था. राजा श्रीपाल साधु प्रवृत्ति के थे और अल्पायु में ही कुंवर बलभद्र का राज्याभिषेक कर राज्य कार्य से विरत हो जाना चाहते थे, लेकिन बलभद्र उन्हें समझा-बुझाकर उनके प्रस्ताव को अस्वीकार कर देते थे.
18 साल की उम्र में बने थे राजा
आखिरकार बलभद्र सिंह किशोरावस्था में चहलारी के राजा बने. बाल्यकाल से ही निडर और पराक्रमी बलभद्र सिंह युद्ध कौशल में भी महारथी थे. उदारता और संवेदनशीलता के कारण ही राज्य की जनता पूरी तरह से शोषण मुक्त होकर सुख शांति से जीवनयापन कर रही थी. सेना में प्रत्येक जाति धर्म के बहादुर युवकों को भर्ती किया गया, जिसका नेतृत्व अमीर खां कर रहे थे. भिखारी रैदास जैसे बहादुर योद्धा भी सेना में ओहदेदार पदों पर थे.
पांचवीं पीढ़ी के पास है उनकी तलवार
राजा बलभद्र सिंह के वंशज आदित्य भान सिंह बहराइच जिले के शेख दाहिर गांव में रहते हैं. आदित्य भान सिंह ने आज भी राजा बलभद्र सिंह की तलवार को संजोकर रखा हुआ है और उन्होंने लखनऊ में स्थित संग्रहालय में तलवार को रखने की अपील भी की है. लेकिन उनकी अपील स्वीकार नहीं की गई.
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