पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि हमारे यहां सनातन धर्म में पशुओं के व्यवहार और उनके तौर तरीकों से भविष्य के संकेत प्राप्त होते है. शकुन शास्त्र में इसका विस्तृत वर्णन मिलता है. कुत्ते को रोने और उसके लगातार भौंकने को लेकर भी कई संकेत शकुन शास्त्र में बताएं गए हैं.
क्या कहता है शकुन शास्त्र
शास्त्रों के अनुसार, कुत्ते को कालभैरव का प्रतीक माना जाता है. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि कुत्ते को यमराज के आगमन का संकेत प्राप्त हो जाता है. इसलिए यदि घर के बाहर रात के समय लगातार कुत्ता रोता है तो इसे अपशुकन माना जाता है. इसे किसी बड़ी आफत या अनहोनी के संकेत के तौर पर देखा जाता है. ये आर्थिक नुकसान के अलावा घर के किसी शख्स के साथ दुर्घटना की ओर भी इशारा करती है.
ये है कहता है साइंस
कहा ये भी जाता है कुत्ते को जब अपने आस पास नेगेटिव ऊर्जा का आभाष होता है तो वो रोने लगता है. कई बार ये शारीरिक तकलीफ भी दें सकती हैं. वहीं साइंस कहता है कि जब कुत्ता अकेले रहता है तो वो रोकर या भौंक कर अपने साथियों को बुलाता है.
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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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