मलाई पाव को खास तौर पर इस तरह तैयार किया जाता है कि यह कई दिनों तक खराब नहीं होता. फेमस मलाई पाव को बनाने वाले गोपाल बताते हैं कि रोजाना करीब 2 क्विंटल मलाई पाव तैयार किया जाता है, जो बाजार में तुरंत बिक जाता है. इसकी बढ़ती लोकप्रियता के पीछे इसकी अनोखी बनावट और स्वाद है.
कैसे बनता है मलाई पाव?
गोपाल ने मलाई पाव बनाने की पूरी विधि शेयर की. सबसे पहले मैदा को अच्छे से फेंटा जाता है.
इसमें घी, चीनी और एक विशेष प्रकार का केमिकल मिलाया जाता है, जो इसे लंबे समय तक खराब होने से बचाता है. मिश्रण को करीब 10 मिनट तक पकाकर मलाई क्रीम तैयार की जाती है. फ्रेम में इस मलाई को लंबे आकार में जमाया जाता है. जमने के बाद फ्रेम से निकालकर चाकू से बीच का हिस्सा काटा जाता है और उसमें महीनों तक खराब न होने वाली मलाई भरी जाती है.
क्यों है इतनी डिमांड?
मलाई पाव का स्वाद इसे खास बनाता है. घी और चीनी के सही मिश्रण से तैयार यह पाव खाने में बेहद मुलायम और स्वादिष्ट होता है. इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह न केवल मऊ में बल्कि पूरे पूर्वांचल में पसंद किया जाता है.
पूर्वांचल के लोगों की पहली पसंद
इस मलाई पाव की पैकेजिंग भी ऐसी होती है कि यह लंबे समय तक ताज़ा रहता है. यह हर उम्र के लोगों का पसंदीदा है. इसे खाने वाले बताते हैं कि इसका स्वाद अन्य किसी भी पाव से बेहतर है. अगर आप भी पूर्वांचल की सैर पर जाएं, तो इस मलाई पाव को ज़रूर चखें. यह न केवल एक स्वादिष्ट अनुभव होगा, बल्कि इस क्षेत्र की संस्कृति और परंपरा से जुड़ने का भी मौका देगा.
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