ट्रंप ने निभाई भारत से दोस्ती.. पहले
अमेरिका से आया रोमियो और अब आएगा साजों सामान
साल 2020 में अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप अपनी पहली यात्रा पर भारत आए. जबरदस्त तरीक़े से भारत में उनका स्वागत भी किया. जिस तरह से दोनो देशों के राष्ट्राध्यक्षों की मुलाक़ात हुई उसने सारी दुनिया का ध्यान इस ओर खींच लिया था. खुद मोटेरा स्टेडियम अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारतीय नौसेना के लिए अमेरिका में बने MH-60 रोमिया मल्टीरोल हेलीकॉप्टर डील का एलान कर दिया और अब दूसरी बार ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से पहले ही अमेरिका ने रोमियों से जुड़े आधुनिक उपकरणों को बिक्री को भी मंजूरी दे दी . रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट ने फॉरन मिलेट्री सेल के तहत 1.17 बिलियन डॉलर कीमत के कम्युनिकेशन, सेंसर और लॉजेस्टिक भारतीय नौसेना के रोमियो हैलिकॉप्टर की ताक़त को और बढ़ाएगी.नौसेना के लिए करोड़ 2.6 बिलियन की कीमत से 24 MH-60 रोमिया मल्टीरोड हेलीकॉप्टर की खरीद की है
रोमियो हैलिकॉप्टर चौथी जेनेरेशन के हैलिकॉप्टर में सबसे बेहतर तकनीक, ये एक मल्टीरोल हैलिकॉप्टर यानी एक साथ कई टास्क को अंजाम दे सकता है. रडार और सोनार इस हैलिकॉप्टर को दुनिया में पंडुब्बियो के लिए सबसे ख़तरनाक बनाती है. इसे एंटी-सबमरीन एडवांस हैलिकॉप्टर के तौर पर जाना जाता है. इसकी दो सबसे बड़ी खासियत हैं कि पानी मैं छिपी पनडुब्बियों पर हमला करना और एयर टू सरफेस यानी हवा से जमीन पर हमला करना. इसके अलावा इसमें एंटी-सबमरीन मार्क 54 टारपीडो दिया गया है जो पानी में छिपी पनडुब्बियों को निशाना बनाता है. वहीं हेलफायर एयर टू सरफेस मिसाइल जहाजों को निशाना बनाती है. ख़ास बात है कि जिस तरह के कॉन्फ़िगरेशन को अमेरिका नेवी इस्तेमाल में लाती है. पहले 9 हैलिकॉप्टर जो भारत में आए है वो उसी कॉन्फ़िगरेशन के साथ हैं. बाकी के हैलिकॉप्टर में कुछ बदलाव भी किए जा सकते है.अभी तक भारतीय नौसेना को 9 हैलिकॉप्टर मिल चुके हैं और इसका पहला स्क्वाड्रन कोच्चि में स्थापित भी किया जा चुका है. चूकी समंदर में हर मौसम में चाहे वो ख़राब ही क्यो न हो ये हैलिकॉप्टर सबसे बेहतर माना जाता है
सी किंग हैलिकॉप्टर की ले रहा है जगह
चीन लगातार अपनी मौजूदगी भारतीय समुद्री इलाक़ों में बढ़ा रहा है तो वही पाकिस्तान का भी खुलकर साथ दे रहा है. एसे में हमारी समुद्री सीमाओं को सुरक्षितक रखने के लिए उन्नत हथियारों की जरूरत है उसी में मद्देनज़र नौसेना को उन्नत तकनीक वाले एक मल्टी रोल हैलिकॉप्टर की जरूरत थी.और वो जरूरत खत्म हुई MH-60रोमिया मल्टीरोल हेलीकॉप्टर के तौर पर,दरअसल नौ सेना के बेड़े मैं शामिल ब्रिटेन के बने सी किंग हैलिकॉप्टर की फ्लीट पुरानी हो चुकी है. जो पहले फ्लीट भारत को मिली था सी किंग अल्फ़ा को फ़ेज़ आउट कर दिया गया उनकी जगह ले रहे है ये नए रोमियो हैलिकॉप्टर
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