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नई दिल्ली. भारतीय टीम पर्थ टेस्ट जीतकर कैनबरा के रास्ते एडिलेड पहुंच चुकी है. एडिलेड में दूसरा टेस्ट मैच खेला जाना है. पिंक बॉल डेस्ट यानी डे-नाइट मैच. बुलंद हौसले के साथ एडिलेड पहुंची टीम इंडिया के साथ अब रोहित शर्मा भी हैं, जो पर्थ में नहीं खेले थे. कप्तान रोहित अब टीम को फ्रंट से लीड करना चाहेंगे. जब टीम लय में है और विरोधी बैकफुट पर, तब कोई भी कप्तान यही चाहेगा. लेकिन रोहित की इस लीडरशिप के सामने एक सवाल भी है कि क्या उन्हें केएल राहुल को नीचे भेजकर ओपनिंग करनी चाहिए. उनके ओपनिंग करने के पक्ष में कई कारण हैं. ओपनिंग ना करने के पीछे भी कई तर्क हैं. संजय मांजरेकर जैसे दिग्गज कह चुके हैं कि टीम हित में अगर रोहित खुद का बैटिंग ऑर्डर नीचे कर लें तो बेहतर हो सकता है. आइए समझते हैं कि रोहित को ओपनिंग क्यों नहीं करनी चाहिए.

1. रोहित अच्छी फॉर्म में नहीं हैं…
रोहित शर्मा पिछले काफी समय से फॉर्म में नहीं हैं. उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछली सीरीज मे 3 मैच की 6 पारियों में 91 रन बनाए. वह भी तब, जब यह सीरीज भारत में खेली गई. ऑस्ट्रेलिया आकर जब वे प्रैक्टिस में उतरे तो 11 बॉल से ज्यादा नहीं खेल पाए. भारत ने कैनबरा के इस प्रैक्टिस मैच में प्राइम मिनिस्टर इलेवन को आसानी से हरा दिया, लेकिन इसमें रोहित का योगदान सिर्फ 3 रन का था. कोई शक नहीं कि रोहित आउट ऑफ फॉर्म हैं.

2. पिंक बॉल किसी भी बैटर का लेती है कड़ा टेस्ट
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरा टेस्ट डे-नाइट है, जो पिंक बॉल से खेला जाता है. पिंक बॉल आमतौर पर रेड बॉल से ज्यादा स्विंग करती है और ज्यादा देर तक करती है. ऐसे में पिंक बॉल के साथ पेस बॉलर ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं. बैटर्स को ज्यादा धैर्य दिखाने की जरूरत होती है. रोहित की शैली आक्रामक बैटिंग की है. इसी शैली ने उन्हें इस ऊंचाई तक पहुंचाया है. लेकिन वनडे मैच या सामान्य टेस्ट मैच के मुकाबले पिंक बॉल गेम में कम से कम शुरुआत में अटैक करना बैटर पर भारी पड़ सकता है. अगर बैटर पहले से ही आउट ऑफ फॉर्म है तब तो यह ‘करेला वह भी नीम चढ़ा’ जैसी बात हो जाती है. रोहित को इसलिए भी बैटिंग ऑर्डर में थोड़ा नीचे आना चाहिए, जिससे वे खुद को थोड़ा वक्त दे पाएंगे. रोहित की क्षमता से सब वाकिफ हैं. अगर उन्होंने कुछ वक्त विकेट पर गुजार लिया, फिर किसी भी बॉलिंग अटैक को ध्वस्त कर सकते हैं.

3. केएल राहुल की फॉर्म ने दिया टीम को विकल्प
रोहित शर्मा को ओपनिंग ना करने की सलाह के पीछे केएल राहुल का पर्थ टेस्ट का प्रदर्शन भी है.केएल राहुल ने पर्थ टेस्ट की दोनों पारियों में जमकर बैटिंग की और पूरे आत्मविश्वास के साथ खेले. वे पहले से भारत के लिए ओपन करते रहे हैं और उनके लिए ऐसा करना कोई नई बात नहीं है. यही कारण है कि पूर्व चयनकर्ता देवांग गांधी कहते हैं कि रोहित को पांचवें या छठे नंबर पर खेलना चाहिए. संजय मांजरेकर और चेतेश्वर पुजारा भी कहते हैं कि केएल राहुल की फॉर्म का भारत को अच्छे से इस्तेमाल करना चाहिए. यह इस्तेमाल ओपनिंग के लिए ही कहा जा रहा है. केएल की फॉर्म ने भारत को यह विकल्प दे दिया है कि वह रोहित को नीचे बैटिंग करा सकता है.

4. ऑस्ट्रेलिया में खराब रिकॉर्ड का भी असर
रोहित शर्मा ने अब तक ऑस्ट्रेलिया में 7 टेस्ट मैच खेले हैं और इनमें 31.38 की औसत से 408 रन ही बना पाए हैं. उन्होंने कंगारुओं के देश में 14 पारियां खेली हैं, लेकिन अर्धशतक 3 ही बना पाए हैं. सर्वोच्च स्कोर 63 रन है. यह रिकॉर्ड ऐसा नहीं है कि किसी बैटर का भरोसा बढ़ाए. उस बैटर का तो बिलकुल भी नहीं जो पिछली 6 पारी में 91 रन बनाकर आया है. ऐसे में अगर ऐसे बैटर को थोड़ी आसान राह दी जाए तो टीम के लिए अच्छा हो सकता है. रोहित शर्मा पर भी यह बात लागू होती है. यह भारत के लिए राहत की बात है कि जोश हेजलवुड एडिलेड में नहीं खेलेंगे. लेकिन मिचेल स्टार्क और पैट कमिंस भी नई गेंद से कड़ी परीक्षा लेने वाले हैं. ऐसे में उनके सामने सबसे पहले उसी बैटर को उतारे जाने की जरूरत है, जो पर्थ में अच्छी पारी खेल चुका है और आत्मविश्वास से भरा है.

Tags: India vs Australia, KL Rahul, Rohit sharma, Team india

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