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मुंबई. भारतीय सिनेमा के सबसे आइकोनिक सिंगर में से एक मोहम्मद रफी को हाल ही में गोवा में आयोजित 55वे भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) में सम्मानित किया गया. ‘आसमान से आया फरिश्ता – ए ट्रिब्यूट टू मोहम्मद रफी- किंग ऑफ मेलॉडी’ नाम के सेशन के दौरान सिंगर सोनू निगम ने मो. रफी ​​की बहुमुखी प्रतिभा और अनूठी कलात्मकता के बारे में बात की. सोनू ने बताया कि रफी अपनी आवाज और स्टाइल को एक्टर्स से मिला लेते थे. हर एक्टर उनकी आवाज में फिट में बैठता था.

सोनू निगम ने कहा, “यह व्यक्ति ‘हम काले हैं तो क्या हुआ दिलवाले हैं’ गा रहा है, और ‘सर जो तेरा चकराए या दिल डूबा जाए’ भी गा रहा है. उनकी आवाज़ दिलीप कुमार, जॉनी वॉकर, महमूद और ऋषि कपूर पर भी जंचती थी.” सोनू ने कहा कि रफी ​​की आवाज़ स्क्रीन पर अलग-अलग पर्सनैलिटी की को कंप्लीट करती थी. उनकी बहुमुखी प्रतिभा पर गहराई से प्रकाश डालते हुए, सोनू ने भक्ति गीतों के प्रदर्शन के दौरान रफी की परिवर्तन (ट्रांसफॉर्म) करने की क्षमता पर भी कमेंट किया.

सोनू निगम ने कहा कि मोहम्मद रफी पक्के हिंदू लगते थे

सोनू निगम ने कहा, “जब वह भजन गाते हैं, लगता है कोई पक्का हिंदू गा रहा है. हैं वो मुसलमान, नमाज़ी आदमी हैं. इनका धर्म परिवर्तन कैसे हो जाता है गायकी में?” सोनू ने रफी की किसी भी जॉनर या इमोशन को बयां करने की अद्भुत कला की क्षमता पर हैरानी भी जताई. यह बहुत बड़ी बात है, हर कोई ऐसा नहीं कर सकता.

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