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मेरठ: जीवन में अगर हम अपने लक्ष्य को निर्धारित कर उस तरफ आगे बढ़ते रहेंगे तो निश्चित ही हमें सफलता मिलती है. जिसकी बदौलत हम अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा बन जाते हैं. कुछ इसी तरह की मिसाल बनी हैं मेरठ की रहने वाली सना खान जिन्होंने बीटेक बायोटेक्निकल में अध्ययन करने के पश्चात प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने के बजाय अपना ही वर्मी कंपोस्ट का काम शुरू किया. इसके माध्यम से अब वे सालाना करोड़ों रुपए कमा रही हैं. लोकल-18 की टीम ने सना खान से खास बातचीत की.

30 बेड से की थी शुरुआत
सना खान ने खास बातचीत करते हुए बताया कि उन्होंने बीटेक बायोटेक्निकल में अध्ययन किया था. इसमें उनका प्रोजेक्ट कार्य वर्मी कंपोस्ट ही था. इसलिए उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के पश्चात वर्ष 2014 में 30 बेड से वर्मी कंपोस्ट अर्थात ऑर्गेनिक खाद को बनाने की शुरुआत की. तब उन्होंने भी नहीं सोचा था कि जिस कार्य को वह शुरू कर रही हैं, वो एक दिन एसजे ऑर्गेनिक कंपनी के माध्यम से देश भर में ऑर्गेनिक खाद सप्लाई करते हुए 100 से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराएगा. उन्होंने बताया कि वे अब 250 से अधिक बेड पर ऑर्गेनिक खाद तैयार कर रही हैं. जिसके माध्यम से अब सालाना करोड़ों रुपए उनका टर्नओवर है.

लोगों ने उड़ाया था मजाक 
सना खान बताती हैं कि जब उन्होंने वर्मी कंपोस्ट अर्थात ऑर्गेनिक खाद की शुरुआत की थी तो लोग उनका मजाक भी बनाते थे. क्योंकि बायोटेक्निकल में बीटेक करने के पश्चात जब वे गोबर के माध्यम से वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने कि कार्य करने लगी थी तो काफी लोग यह कहते थे कि इतनी पढ़ाई का क्या फायदा अगर गोबर में ही काम करना था. लेकिन उन्होंने इन सभी बातों को दरकिनार करते हुए अपने लक्ष्य पर फोकस रखा. परिवार के सपोर्ट के माध्यम से अपनी पढ़ाई का बखूबी उपयोग करते हुए इस क्षेत्र में अपना बिजनेस शुरू किया. आज वे दूसरों को नौकरी दे रही हैं.

पति ने भी दिया भरपूर साथ
सना खान के इस सपने को पूरा करने के लिए उनके पति सैयद अकरम रजा भी पूरी निष्ठा के साथ कार्य करते हुए दिखाई दे रहे हैं. उनके बिजनेस की पूरी मार्केटिंग की व्यवस्था वही संभालते हैं. वे इस बात से खुश हैं कि उनकी वाइफ अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बनी हुई है. बताते से चलें कि वर्तमान समय में मेरठ के राली चौहान गांव में अपनी इन्होंने कंपनी की शुरुआत की है. साथ ही 12 प्रदेश में वर्मी कंपोस्ट से संबंधित बेड तैयार कर रही हैं, जिसका खाद देश भर में सप्लाई हो रहा है. खास बात यह है की शासन द्वारा जो मानक तैयार किए गए हैं उसके अनुसार इन्होंने यहां पर लैब भी बनाई है. जिसमें सभी सैंपलों की पहले जांच की जाती है, उसके बाद ही ये आगे सप्लाई होते हैं.

Tags: Local18, Meerut news, News18 uttar pradesh, Success Story, Womens Success Story

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