Image Slider

नई दिल्ली: देश के नंबर न्यूज चैनल न्यूज18 इंडिया का विशेष कार्यक्रम ‘अमृत रत्न’ सम्मान 2024 (Amrit Ratna Honour 2024) एक बार फिर होने जा रहा है. अमृत रत्न का उद्देश्य उन भारतीयों को सम्मानित करना है जिन्होंने भारत को गौरवान्वित किया है.भारतीय लोगों को गर्व करने के अवसर दिए हैं. हमारी कोशिश है कि यह सम्मान किसी भी गैर सरकारी संगठन की ओर से चलाए जाने वाला सबसे प्रतिष्ठित सम्मान बने. इसके जरिए उन लोगों को सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने अपने अपने क्षेत्र में सफलता और उपलब्धियों के नए मानदंड स्थापित किए. पुरस्कृत होने वाले व्यक्ति का चुनाव एक प्रतिष्ठित जूरी के जरिए किया जाता है. जूरी में अलग अलग क्षेत्रों के बहुत सम्मानित लोग शामिल किए गए हैं.सम्मान की ये अवधारणा सहज रुप से भारत के भविष्य और देश के चमकते रहने की राह पर विमर्श के लिए उपयुक्त है.

इस बार जूरी हैं

1. अमिताभ कांत, जी20 शेरपा और पूर्व सीईओ नीति आयोग
2. न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और सांसद, राज्यसभा
3. पी.टी. उषा, पूर्व एथलीट और सांसद, राज्यसभा
4. लेफ्टिनेंट जनरल के.जे.एस. ढिल्लों (सेवानिवृत्त)
5. डॉ. रणदीप गुलेरिया, पूर्व निदेशक, एम्स

आइए इस खबर में जानते हैं जूरी पी.टी. उषा, पूर्व एथलीट और राज्यसभा सांसद के बारे में. पी टी उषा का पूरा नाम पिलाउल्लाकांडी थेक्केपरांबिल उषा है. पूर्व एथलीट और राज्यसभा सांसद पी टी उषा के अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत 1980 में कराची में हुए ‘पाकिस्तान ओपन नेशनल मीट’ से हुई थी. यहां उन्होंने 4 गोल्ड मेडल भारत के नाम किए थे. इसके बाद पी टी उषा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा.

पी टी उषा को 1984 में ‘अर्जुन अवॉर्ड’, 1985 में ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया जा चुका है. उन्होंने ‘वर्ल्ड जूनियर इनविटेशन मीट’ में गोल्ड मेडल, ‘एशियन ट्रैक एंड फील्ड चैम्पियनशिप’ में 400 मीटर की रेस में नए रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक. पी टी उषा भारत की महानतम एथलीटों में से एक हैं, जिन्हें अक्सर देश की “क्वीन ऑफ ट्रैक एंड फील्ड” भी कहा जाता है. पी टी उषा लंबे स्ट्राइड के साथ एक बेहतरीन स्प्रिंटर थीं. वो 1980 के दशक में अधिकांश समय तक एशियाई ट्रैक-एंड-फील्ड इवेंट्स में हावी रहीं. जहां उन्होंने कुल 23 पदक जीते, जिनमें से 14 स्वर्ण पदक थे.

केरल के कुट्टाली गांव में जन्मी पी टी उषा ने पास के पय्योली में अध्ययन किया. बाद में उनको निकनेम के रूप में ’द पय्योली एक्सप्रेस’ का नाम मिला. उनकी प्रतिभा का पता तब चला जब वो महज नौ साल की थीं. स्कूल की दौड़ में पी टी उषा ने चौथी कक्षा की छात्रा रहते देखते ही देखते चैंपियन को हरा दिया, जो उससे तीन साल बड़ी थी. इस घटना ने शिक्षकों को हैरान कर दिया. खास क्षमताओं ने अगले कुछ सालों में पी टी उषा को स्पोर्ट्स स्कूल के पहले बैच में जगह दिलाई, जिसे केरल सरकार ने स्थापित किया था.

Tags: Amrit Ratna

———-

🔸 स्थानीय सूचनाओं के लिए यहाँ क्लिक कर हमारा यह व्हाट्सएप चैनल जॉइन करें।

 

Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||