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बाराबंकी: बाराबंकी जिला वैसे तो अफीम और केले की खेती के लिए काफी प्रसिद्ध है पर अब ये आलू उत्पादन और भंडारण का हब बनता जा रहा है. जिले में 13 नए कोल्ड स्टोर का निर्माण हो रहा है. इससे आलू भण्डारण की समस्या इस वर्ष खत्म हो जाएगी. जिले में भण्डारण क्षमता बढ़कर 1 करोड़ 40 लाख बोरी तक हो जाएगी. पोटैटो बेल्ट के नाम से विख्यात बाराबंकी जनपद में देवा पहाड़ी आलू से लेकर फतेहपुर क्षेत्र में बड़ी तादाद में किसान राजेंद्र वन (लाल आलू) किस्म के आलू की खेती करते हैं.

इस बार ज्यादा एरिया में हुई है बुवाई
गत वर्ष आलू कि अच्छी पैदावार होने और भाव अच्छा मिलने से क्षेत्र के किसानों को मुनाफा भी खूब हुआ है. सरकार ने ब्लॉकवार अनुदान की धनराशि अलग अलग निर्धारित की है. जिले में वर्ष 2018 में 18 हजार हेक्टेयर में लाल आलू की बोआई होती थी, इस बार करीब 22 हजार हेक्टेयर के पार होने की उम्मीद है.

लाल आलू बो रहे हैं
जिले के किसानों ने बताया कि हम लोग लाल आलू की खेती करते हैं. इस आलू की पैदावार अच्छी होने के साथ- साथ इसकी काफी ज्यादा मांग रहती है. इस बार हम लोगों को काफी अच्छा फायदा हुआ है. हालांकि कभी-कभी आलू भंडारण के समय हमें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है क्योंकि आलू स्टोर कम होने की वजह से कई दिनों तक लाइन लगानी पड़ती था तब कहीं जाकर कहीं आलू रख पाते थे. पर अब जिले में करीब 13 नये आलू स्टोर बन रहे हैं जिससे हम लोगों को आलू भंडारण में कोई भी समस्या नहीं होगी.

इस किस्म की होती है सबसे ज्यादा पैदावार
उद्यान निरीक्षक गणेशचंद्र मिश्रा ने बताया कि बाराबंकी जिला लाल आलू उत्पादन में अग्रणी है. जिले मे राजेंद्र वन आलू को किसान ज्यादा पसंद करते हैं इसलिए इसकी पैदावार यहां सबसे ज्यादा होती है. जिले मे करीब 22 हेक्टेयर मे आलू कि खेती होती है, इस वर्ष भाव अच्छा मिलने से करीब 10 से 12 प्रतिशत क्षेत्रफल भी बढ़ा है.

उन्होंने आगे बताया कि जिले में सात लाख मैट्रिक टन आलू की पैदावार होती है. 65 कोल्ड स्टोरेज संचालित हैं, जहां पर पौने छह लाख मैट्रिक टन यानि एक करोड़ 15 लाख बोरी आलू रखने की क्षमता है, आने वाले समय मे 13 नए कोल्ड स्टोर संचालित होंगे तो आलू भण्डारण कि समस्या खत्म हों जाएगी.

Tags: Agriculture, Barabanki News, Local18, News18 uttar pradesh

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