Image Slider

अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर रविवार को हुए विवाद ने हिंसक मोड़ ले लिया. इस घटना में चार लोगों की मौत हो गई और करीब 20 लोग घायल हुए, जिनमें कई सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं. स्थिति संभालने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा. हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद की जगह पहले एक मंदिर था, जिसे तोड़कर मस्जिद बनाई गई.

लोकल 18 ने इस मुद्दे पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रोफेसर और इतिहासकार एम.के. पुंडीर से बातचीत की. उन्होंने बताया, ‘बाबरनामा के मुताबिक, पानीपत के युद्ध के बाद बाबर संभल पहुंचा. इस ग्रंथ में लिखा है कि वहां एक मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया था. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि वर्तमान मस्जिद वहीं संरचना है या मंदिर के पास किसी अन्य जगह पर स्थित है.’

मस्जिद की संरचना पर सवाल
प्रोफेसर पुंडीर के अनुसार, “जो मस्जिद का वर्तमान ढांचा है, वह अपेक्षाकृत नया लगता है. यह संभव है कि इसके निर्माण में पुराने इमारतों या मंदिर के अवशेषों का उपयोग किया गया हो. भारत में यह परंपरा रही है कि नई इमारतें बनाने में पुराने ढांचों का उपयोग किया जाता था. लेकिन इस बात की पुष्टि करना मुश्किल है कि मौजूदा मस्जिद उस समय के मंदिर की जगह पर है या नहीं.”

इतिहास और विवाद
पुंडीर ने आगे बताया, “1526 में पानीपत का युद्ध हुआ और 1527 के आसपास बाबर का कमांडर संभल पहुंचा. बाबरनामा के अनुसार, उसने वहां के मंदिर को आंशिक रूप से नष्ट किया. हालांकि, यह सवाल उठता है कि उसने मंदिर को पूरी तरह क्यों नहीं तोड़ा.”

क्या कहता है इतिहास?
संभल की वर्तमान मस्जिद को लेकर इतिहासकारों का मानना है कि इसे मंदिर की जगह बनाया गया था या नहीं, यह साफ कह पाना मुश्किल है. बाबरनामा में मंदिर का उल्लेख जरूर है, लेकिन उसकी सटीक लोकेशन और मौजूदा मस्जिद के साथ संबंध को प्रमाणित करना अब भी चुनौती है.

इतिहासकारों के दावे
संभल की जामा मस्जिद को लेकर विवाद न केवल धार्मिक बल्कि ऐतिहासिक संदर्भों में भी गहराता जा रहा है. इतिहास और वर्तमान घटनाक्रम के बीच यह सवाल अब भी कायम है कि जामा मस्जिद का अतीत क्या है और इसे लेकर इतिहासकारों के दावे कितने प्रामाणिक हैं.

Tags: Hindu Temple, Local18, Sambhal News

———-

🔸 स्थानीय सूचनाओं के लिए यहाँ क्लिक कर हमारा यह व्हाट्सएप चैनल जॉइन करें।

 

Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||