इंफाल8 मिनट पहले
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पश्चिमी इंफाल में शख्स के लापता होने के बाद मंगलवार को इलाके में तनाव बढ़ गया है।
मणिपुर के पश्चिमी इंफाल में एक 55 साल के शख्स के लापता होने के बाद मंगलवार को इलाके में तनाव बढ़ गया है। लापता हुए व्यक्ति की पहचान लैशराम कमलबाबू सिंह के तौर पर की गई है।
वह सोमवार दोपहर को कांगपोकपी के लीमाखोंग आर्मी कैंप में काम पर रिपोर्ट करने के लिए घर से निकले थे और तब से लापता है। उनका मोबाइल फोन भी बंद है। वे आर्मी कैंप में मैनियल जॉब करते थे। कमलबाबू को ढूंढने के लिए पुलिस और सेना तलाशी अभियान चला रही है।
मंगलवार को कमलबाबू को ढूंढने के लिए गांव से बड़ी संख्या में लोग लीमाखोंग जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें कांटो सबल के पास ही रोक दिया। इसके बाद भीड़ उग्र हो गई और लोगों ने सड़कों को ब्लॉक कर दिया।
यह तस्वीर 55 साल के लैशराम कमलबाबू सिंह की है, जो सोमवार से लापता हैं।
ग्रामीण लीमाखोंग जा रहे थे, तभी पुलिस ने कांटे की तार लगाकर रोक दिया।
6 मैतेई लोगों की अगवा करके हत्या कर दी गई 11 नवंबर को कुकी उग्रवादियों ने जिरीबाम से 6 मैतेई लोगों (तीन महिलाएं, तीन बच्चे) को अगवा कर उनकी हत्या कर दी थी। इनमें से 3 के शवों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई है। इसके मुताबिक सभी शव बहुत ही खराब हालत में थे, दो महिलाओं को तो कई बार गोली मारी गई।
इन शवों में 3 साल के बच्चे चिंगखेंगनबा का शव भी था। डॉक्टरों को बच्चे के सिर में गोली का घाव मिला। दिमाग का एक हिस्सा और दाहिनी आंख गायब थी। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि बच्चे को पास से सिर में गोली मारी, जिससे उसके दिमाग का हिस्सा उड़ गया। उसके सीने और शरीर में कई जगह चाकू के घाव और हाथ में फ्रैक्चर मिला है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद मणिपुर में तनाव बढ़ने की आशंका है। इसलिए राज्य सरकार ने रविवार देर शाम कर इंफाल वैली के कर्फ्यू वाले पांचों जिलों और जिरीबाम में स्कूल-कॉलेज खोलने का आदेश वापस ले लिया। यहां आज से स्कूल-कॉलेज खोले जाने थे।
दरअसल, जिरीबाम में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 10 कुकी-जो उग्रवादियों को मार गिराया था। इसके बाद कुकी उग्रवादियों ने एक मैतेई परिवार के 6 लोगों को अगवा कर लिया था। इनमें तीन महिलाएं और तीन बच्चे थे। ये जिरीबाम के राहत शिविर में शरण लिए थे। 16 नवंबर को इनके शव नदी में तैरते मिले थे।
तस्वीर में दिखाई दे रहे सभी 6 लोग मैतेई समुदाय के थे। फिलहाल 3 (लाल घेरे में) की ही पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई है।
एक महिला के सीने में 3 तो दूसरी के शरीर में 5 गोलियों के घाव मिले अभी छह में दो महिलाओं 60 साल की वाई रानी देवी, 25 साल की एल. हेतोनबी देवी और 3 साल के चिंगखेंगनबा सिंह की ही पीएम रिपोर्ट आई है। अपहरण के बाद इनकी फोटो वायरल हुई थी। इसमें 3 साल के चिंगखेंगनबा के सामने उसकी मां हेतोनबी और आठ महीने का भाई बैठा है। रिपोर्ट बताती है कि हेतोनबी की छाती में 3 गोलियां मारी गई थीं। रानी देवी की खोपड़ी, पेट, हाथ में एक-एक तो छाती में दो गोलियों के घाव मिले हैं।
पुलिस बोली- कोर्ट के आदेश पर देंगे रिपोर्ट बाकी तीन अपहृतों 8 महीने के बच्चे लंगंबा सिंह, उसकी मौसी 31 साल की टी. थोईबी देवी और 8 साल की बेटी टी. थजमनबी देवी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट जिरीबाम पुलिस के पास है। मृतकों के लिए न्याय की मांग कर रही संयुक्त समिति ने बताया कि पुलिस ने बाकी रिपोर्ट देने से मना कर दिया है। उसने कहा है कि कोर्ट के आदेश पर ही रिपोर्ट देंगे।
अंतिम संस्कार की 3 तस्वीरें…
6 शव जब असम के सिलचर से जिरीबाम पहुंचे तो परिवार खुद को संभाल नहीं पाया।
जिरीबाम में इन सभी 6 शवों को एक साथ दफनाया गया।
तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शव 16 नवंबर को नदी में तैरते हुए मिले थे।
CM ने कहा था- मणिपुर में ऐसा हो रहा, मुझे शर्म आती है रविवार को मणिपुर पुलिस ने बताया कि विधायकों के घर आगजनी-लूटपाट मामले में बीते दो दिन में 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया। काकचिंग जिले से तीन लोगों को 22 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। 23 नवंबर को इंफाल पश्चिम से 4 लोग अरेस्ट किए गए थे। कुल गिरफ्तारियां 41 हो गई हैं।
22 नवंबर को सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा था कि आगजनी-लूट करने वालों की पहचान की गई है। इनके खिलाफ कानूनी एक्शन लिया जा रहा है। उन्होंने कहा था कि मुझे सार्वजनिक रूप से यह कहते हुए शर्म आती है कि मणिपुर में ऐसी चीजें हो रही हैं।
मणिपुर की सुरक्षा में CAPF की 288 कंपनियां तैनात मणिपुर की सुरक्षा में सेंट्रल आर्म्ड फोर्स की 288 कंपनियां तैनात की गई हैं। शुक्रवार को 90 और कंपनियों को तैनात किया गया। मणिपुर के चीफ सिक्योरिटी एडवाइजर कुलदीप सिंह ने कहा था कि कंपनियों को अलग-अलग जगह भेजा जा रहा है। मणिपुर में CRPF, SSB, असम राइफल, ITBP सहित दूसरी आर्म्ड फोर्स की कंपनियां तैनात हैं।
चीफ सिक्योरिटी एडवाइजर कुलदीप सिंह ने कहा था कि हमने पुख्ता इंतजाम किए हैं। हर जिले में नए कोऑर्डिनेशन सेल और जॉइंट कंट्रोल रूम तैयार किए जाएंगे। हमने उन सेल और और जॉइंट कंट्रोल रूम का रिव्यू किया है जो पहले से मौजूद हैं।
मंत्री एल सुसींद्रो ने घर को कंटीले तारों से कवर किया 16 नवंबर को मुख्यमंत्री बीरेन सिंह और 17 विधायकों के घर पर हमले हुए थे। राज्य के मंत्री एल सुसींद्रो के घर को भी निशाना बनाया गया था।
सुसींद्रो ने इंफाल ईस्ट स्थित अपने घर को कंटीले तारों और लोहे के जाल से कवर किया है। उन्होंने कहा- संपत्ति की रक्षा करना हमारा संवैधानिक हक है। अगर भीड़ ने फिर हमला किया तो इसका जवाब दिया जाएगा।
सुसींद्रो ने कहा था कि मई से यह तीसरी बार है, जब मेरी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। इस बार करीब 3 हजार लोग घर के बाहर जुट गए। उन्होंने घर को नुकसान पहुंचाया, फायरिंग की गई।
BSF और मेरे सुरक्षाबलों ने पूछा कि क्या किया जाना चाहिए तो मैंने कहा कि भीड़ को कोई नुकसान नहीं पहुंचाना है। हालांकि उन्होंने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवाई फायर किए।
सुसींद्रो काफी चर्चा में रहते हैं। जब मणिपुर में हथियार लूटे जा रहे थे, तब उन्होंने घर में वेपंस ड्रॉप बॉक्स बनाया था, ताकि लोग हथियार जमा कर दें। सुसींद्रो, मैतेई समुदाय से आते हैं।
मणिपुर के मंत्री सुसींद्रो ने अपने घर को कंटीले तारों से घेर दिया है।
16 नवंबर को उपद्रवियों ने मंत्रियों और विधायकों के घर हमला किया था। वाहनों में आग लगाई थी और फायरिंग भी की थी।
विधायक के घरों से लूटे डेढ़ करोड़ के जेवर विधायकों के घरों पर हमले के दौरान 1.5 करोड़ रुपए के जेवर लूटे जाने की बात सामने आई है। JDU विधायक के. जॉयकिशन सिंह की मां ने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई। तोड़फोड़ करने वाली भीड़ ने थांगमेइबंद इलाके में विधायक के आवास से 18 लाख रुपए नकद भी लूटे थे। विस्थापितों के लिए रखा सामान भी नष्ट किया था।
रिलीफ कैंप की वॉलंटियर सनयाई ने दावा किया कि हिंसा के दौरान लॉकर, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान और फर्नीचर में तोड़फोड़ की गई। भीड़ 7 गैस सिलेंडर ले गई। विस्थापितों के दस्तावेज नष्ट कर दिए। तीन एसी भी ले जाने की कोशिश की।
हिंसाग्रस्त इलाकों में आने-जाने वालों की जांच करते सुरक्षाबल।
NPP बोली- मणिपुर CM को हटाएं तभी समर्थन देंगे मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस लेने वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने कहा है कि यदि भाजपा मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को हटाती है तो पार्टी अपने फैसले पर दोबारा विचार कर सकती है।
NPP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष युमनाम जॉयकुमार सिंह ने कहा- बीरेन सिंह राज्य में शांति लाने में पूरी तरह विफल रहे हैं। यही कारण है कि NPP के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया।
हालांकि समर्थन वापस लेने का मणिपुर सरकार पर कोई असर नहीं पड़ा, क्योंकि 60 सदस्यों वाले सदन में BJP के पास 32 विधायकों के साथ पूर्ण बहुमत है। नगा पीपुल्स फ्रंट और जेडीयू भी सत्तारूढ़ गठबंधन में हैं।
भ्रम के कारण शामिल हुए होंगे विधायक- जॉयकुमार जॉयकुमार ने दावा किया कि CM की अध्यक्षता में 18 नवंबर को हुई बैठक में NPP के तीन विधायक शामिल हुए थे, यह भ्रम के कारण हो सकता है। बैठक NDA विधायकों के लिए थी। हमने केवल बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस लिया है, लेकिन हम अभी भी NDA के सहयोगी हैं।
हालांकि हमने अपने विधायकों को आगाह किया है कि राज्य या राष्ट्रीय अध्यक्ष की पूर्व मंजूरी के बिना ऐसी बैठकों में जाने पर उन पर एक्शन लिया जा सकता है।
केंद्र सरकार ने हाल ही में मणिपुर में CAPF की 50 नई कंपनियां तैनात करने की घोषणा की थी।
मणिपुर में दोबारा हालात क्यों बिगड़े
- 11 नवंबर: सुरक्षाबलों ने जिरिबाम में 10 कुकी उग्रवादियों को मार गिराया था। मुठभेड़ के दौरान कुकी उग्रवादियों ने 6 मैतेई (3 महिलाओं, 3 बच्चों) को किडनैप किया था।
- 15-16 नवंबर: किडनैप हुए छह लोगों में से पांच के शव बरामद हुए।
- 16 नवंबर: CM बीरेन सिंह और भाजपा विधायकों के घरों पर हमले हुए थे। वहीं, कुछ मंत्रियों सहित भाजपा के 19 विधायकों ने CM बीरेन सिंह को हटाने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को पत्र लिखा
- 17 नवंबर: रात में जिरिबाम जिले में पुलिस की गोली से मैतेई प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी, जिसके बाद से हालात और बिगड़ गए। CRPF के डीजी अनीश दयाल सिंह 17 नवंबर को हिंसा का जायजा लेने के लिए मणिपुर पहुंचे।
- 18 नवंबर: अगवा हुई आखिरी महिला का शव मिला।
मणिपुर में नवंबर में हुईं हिंसक घटनाएं
- 11 नवंबर: मणिपुर के याइंगंगपोकपी शांतिखोंगबन इलाके में खेतों में काम कर रहे किसानों पर उग्रवादियों ने पहाड़ी से गोलीबारी की थी, जिसमें एक किसान की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे।
- 9-10 नवंबर: इंफाल पूर्वी जिले के सनसाबी, सबुंगखोक खुनौ और थमनापोकपी इलाकों में 10 नवंबर को गोलीबारी की घटना हुई थी। 9 नवंबर को बिष्णुपुर जिले के सैटन में उग्रवादियों ने 34 साल की महिला की हत्या कर दी थी। घटना के वक्त महिला खेत में काम कर रही थी।
- 8 नवंबर: जिरीबाम जिले के जैरावन गांव में हथियारबंद उग्रवादियों ने 6 घर जला दिए थे। ग्रामीणों का आरोप था कि हमलावरों ने फायरिंग भी की थी। घटना में एक महिला की मौत हुई थी। मृतक महिला की पहचान जोसंगकिम हमार (31) के रूप में हुई थी। उसके 3 बच्चे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि हमलावर मैतेई समुदाय के थे। घटना के बाद कई लोग घर से भाग गए।
- 7 नवंबर: हमार जनजाति की एक महिला को संदिग्ध उग्रवादियों ने मार डाला था। उन्होंने जिरीबाम में घरों को भी आग लगा दी। पुलिस केस में उसके पति ने आरोप लगाया कि उसे जिंदा जलाने से पहले उसके साथ रेप किया गया था। एक दिन बाद, मैतेई समुदाय की एक महिला को संदिग्ध कुकी विद्रोहियों ने गोली मार दी थी।
मणिपुर में हिंसा के 560 दिन कुकी-मैतेई के बीच 560 से ज्यादा दिनों से हिंसा जारी है। इस दौरान 237 मौतें हुईं, 1500 से ज्यादा लोग जख्मी हुए, 60 हजार लोग घर छोड़कर रिलीफ कैंप में रह रहे हैं। करीब 11 हजार FIR दर्ज की गईं और 500 लोगों को अरेस्ट किया गया।
इस दौरान महिलाओं की न्यूड परेड, गैंगरेप, जिंदा जलाने और गला काटने जैसी घटनाएं हुईं। अब भी मणिपुर दो हिस्सों में बंटा हैं। पहाड़ी जिलों में कुकी हैं और मैदानी जिलों में मैतेई। दोनों के बीच सरहदें खिचीं हैं, जिन्हें पार करने का मतलब है मौत।
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मणिपुर CM बोले- ताजा हिंसा के लिए चिदंबरम जिम्मेदार: केंद्रीय गृह मंत्री रहते उन्होंने म्यांमार के उग्रवादी गुटों से समझौता किया था
मणिपुर में फिर से हिंसा का दौर शुरू होने के बाद मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा था कि मणिपुर में फिर से हिंसा पी चिदंबरम की नीतियों के कारण शुरू हुई है। बीरेन सिंह ने चिदंबरम की एक पुरानी तस्वीर दिखाते हुए कहा था- मणिपुर में ताजा हिंसा म्यांमार से आए अवैध अप्रवासियों के कारण हो रही है। ये ड्रग्स के व्यापार के लिए मणिपुर आए और अब पूरे नॉर्थ-ईस्ट को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें..
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