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Farmer Success Story: यूपी के लखीमपुर जिले के रहने वाले युवा अनुराग अग्रवाल इस समय ओदरहना गांव में मशरूम की खेती कर रहे हैं. मशरूम की खेती करने से उन्हें अच्छा खासा मुनाफा भी हो रहा है. मशरूम को तैयार होने में 25 से 30 दिन का समय लगता है. लखीमपुर जनपद के अलावा शाहजहांपुर, गोरखपुर, पीलीभीत और सीतापुर जनपदों में मशरूम की बिक्री होती है. अनुराग अग्रवाल कंप्यूटर साइंस से बीटेक पास हैं. इस समय मशरूम की खेती से उन्हें अच्छा खासा मुनाफा हो रहा है.

मशरूम की खेती
अनुराग अग्रवाल के पिता राकेश अग्रवाल ने बातचीत के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि पहले उन्होंने मशरूम की खेती छोटे स्तर पर शुरू की थी. जब मशरूम की खेती में फायदा हुआ तो उन्होंने धीरे-धीरे बड़े स्तर पर मशरूम की खेती शुरू कर दी. उन्होंने कहा, ‘हमारे यहां 12 माह मशरूम की खेती की जाती है.’ 5 से 6 लोगों को वो इस काम से रोजगार भी दे रहे हैं.

मिलती है अच्छी डिमांड
मार्केट में मशरूम की अच्छी डिमांड है. 120 रुपए प्रति किलो से लेकर 160 रुपए प्रति किलो तक मंडी में मशरूम बिक रहा है. लखीमपुर जनपद के छोटे दुकानदार भी यहीं से मशरूम की खरीदारी करते हैं.

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कैसे होती है मशरूम की खेती
किसान राकेश अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि मशरूम की खेती करने के लिए तापमान मेंटेन रखना पड़ता है. मशरूम खाने में काफी स्वादिष्ट लगता है. इसको सब्जी या फिर पकौड़े बनाकर लोग खाना काफी पसंद करते हैं. मशरूम में प्रोटीन काफी अधिक मात्रा में होता है. एक बार मशरूम का बैग तैयार करने पर 3 महीने तक चलता है. इसके बाद दोबारा से मशरूम का बैग तैयार किया जाता है.

मशरूम की खेती से अनुराग को तगड़ा मुनाफा हो रहा है. लागत और मेहनत बहुत कम है और मुनाफा बंपर.

Tags: Agriculture, Local18

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