झांसी. झांसी मेडिकल कॉलेज में हादसे को 5 दिन गुजर चुके हैं लेकिन मामला अभी भी गर्म है. हादसे के 5 दिन बाद भी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड में मरने वाले बच्चों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. अब यह संख्या 15 तक पहुंच चुकी है. बीती शाम लक्ष्मी और महेंद्र .का बच्चा भी अग्निकांड की भेंट चढ़ गया उन्हें देर शाम यह जानकारी दी गई कि उनका बच्चा अब जीवित नहीं रहा. अग्निकांड के दिन लक्ष्मी और महेंद्र को एक बच्चा मिल था. वह उसे तीन दिन तक अपना बच्चा समझ के पालते रहे. इसके बाद उन्हें पता चला कि वह बच्चा तो कृपाराम और शांति देवी का है.
मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार की रात 10 बच्चों की जलकर मौत हुई थी. जबकि एक बच्चे की मौत रविवार को हुई. सोमवार को एक और बच्चे ने दम तोड़ा. मंगलवार शाम को एक नवजात की मौत हो गई. बुधवार को 2 और नवजातों की मौत हुई. सभी शवों का पोस्टमार्टम कराया गया है. लेकिन उसकी रिपोर्ट अभी तक जारी नहीं की गई है.
तीन दिन तक दूसरे के बच्चे को पाला
पोस्टमार्टम हाउस के बाहर खड़े महेंद्र ने लोकल 18 से खास बातचीत में अपनी भावनाएं व्यक्त की. महेंद्र ने कहा कि 15 नवंबर को रात 9 बजे उन्होंने अपने बच्चे को NICU वार्ड में भर्ती करवाया था. 10.30 बजे अचानक आग लग गई. उन्हें जो बच्चा हाथ लगा वह उसे लेकर निकले. कुछ दिनों बाद पता चला कि वह बच्चा किसी और का है. जब उन्हें अपना बच्चा मिला तो बहुत खुश हुई थी. बच्चा ठीक भी था. लेकिन, फिर उसकी सेहत बिगड़ती गई. महेंद्र ने कहा कि उसके बच्चे को सही इलाज नहीं दिया गया. अगर ठीक से इलाज मिलता तो बच्चा ठीक रहता.
नाक और मुंह से निकल रहा था काला खून
महेंद्र ने कहा कि उसके बच्चे के नाक और मुंह से काला खून निकल रहा था. उन्होंने कहा कि बच्चे को भर्ती कराया था जिससे उसका इलाज हो सके. लेकिन, यहां तो बच्चा मौत की भेंट चढ़ गया. बच्चे को लेकर बहुत अरमान थे. उसको खूब पढ़ाना चाहता था. बड़ा आदमी बनाना चाहता था. लेकिन, अब सब कुछ खत्म हो गया.
FIRST PUBLISHED : November 21, 2024, 14:06 IST
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