-साढ़े तेरह सौ टन प्याज से दिल्ली-एनसीआर में दूर होगा संकट
-रेलवे के प्रयासों से उत्पादकों के साथ ग्राहकों को भी मिल रहा लाभ
विजय मिश्रा (उदय भूमि)
नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में प्याज का संकट अब नहीं रहेगा। प्याज की कमी और ऊंची दरों पर खरीद जैसी शिकायतें सामने नहीं आएंगी। दरअसल महाराष्ट्र के नासिक से प्याज का भरपूर स्टॉक दिल्ली पहुंच चुका है। कांदा एक्सप्रेस के जरिए पांचवीं बार यह स्टॉक दिल्ली के किशनगंज रेलवे स्टेशन पर लाया गया है। नासिक से दिल्ली तक प्लाज पहुंचाने के लिए ट्रेन में विशेष रूप से रेक की व्यवस्था की गई। रेक में रखकर प्याज को लाया गया है। रेलवे ने इस जिम्मेदारी को बखूखी निभाया है। महाराष्ट्र के नासिक से रेल रेक के जरिए प्याज का पांचवां स्टॉक दिल्ली पहुंचा है। थोक मात्रा में प्याज की इस आवक से दिल्ली में मंडी और खुदरा दोनों स्थानों पर प्याज की कीमतों पर काफी प्रभाव पड़ेगा। दिल्ली के अलावा चेन्नई और गुवाहाटी के लिए भी प्याज की बड़ी खेप भेजी जा चुकी है। 23 अक्टूबर को नासिक से रेल रेक के जरिए 840 मीट्रिक टन प्याज भेजी गई थी, जो 26 अक्टूबर को चेन्नई पहुंची। रेल रेक के जरिए असम के गुवाहाटी के लिए 840 मीट्रिक टन की एक और खेप भेजने की योजना है।
गुवाहाटी के लिए थोक खेप भेजने से पूर्वोत्तर क्षेत्र में प्याज की उपलब्धता बढ़ेगी और क्षेत्र में प्याज की कीमतें स्थिर होंगी। इसके अलावा लखनऊ में अमौसी के लिए रेल रेक के जरिए 840 मीट्रिक टन की एक और खेप जल्द आने की उम्मीद है, जिसका लदान बुधवार से शुरू हो गया है। सरकार ने कुछ बाजारों में प्याज की आपूर्ति में आई अस्थायी बाधा को दूर करने के लिए इसकी आपूर्ति को बढ़ाने का निर्णय लिया है। उपभोक्ता मामले विभाग, एनसीसीएफ और नैफेड के अधिकारियों की टीम ने देशभर में प्याज की आपूर्ति में तेजी लाने के लिए पिछले दिनों नासिक का दौरा भी किया था। इसके अलावा सरकार ने पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली आदि की जरूरतों को पूरा करने के लिए सोनीपत के कोल्ड स्टोरेज में रखे प्याज को निकालने का भी निर्णय लिया है। साथ ही कर्नाटक, महाराष्ट्र, असम आदि में प्याज की आपूर्ति बढ़ाने के लिए आरजेवीएम, सीडब्ल्यूसी कोल्ड स्टोरेज नासिक से भी प्याज भेजने का निर्णय लिया है।
चलाई जाती रहेंगी कांदा एक्सप्रेस: सीपीआरओ
उत्तर रेलवे के सीपीआरओ हिमांशु शेखर उपाध्याय का कहना है कि कांदा एक्सप्रेस के जरिए प्याज की पांचवीं खेप दिल्ली लाई गई है। नासिक से कांदा एक्सप्रेस की पांचवीं खेप में साढ़े तेरह सौ टन प्याज को दिल्ली लाया गया है। नासिक से प्याज को दिल्ली लाने का किराया लगभग 16 लाख रुपए आया है। रेल मंत्रालय की मुहिम के तहत कांदा एक्सप्रेस से प्याज का स्टॉक निरंतर मंगाया जा रहा है।
महाराष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों से जहां प्याज का उत्पादन होता है, वहां से देश के उन हिस्सों में प्याज पहुंचाई जाती है, जहां इसकी कमी और दरों में अस्थिरता होती है ताकि मूल्य स्थिर हों और उपभोक्ताओं को राहत मिले। उत्पादकों को भी इसमें लाभ होता है, क्योंकि उनका सामान कम लागत में सही जगह पर पहुंच जाता है। इससे उपभोक्ताओं को भी लाभ मिलता है। कुल मिलाकर यह उत्पादकों और ग्राहकों दोनों के लाभ का सौदा है। प्याज का नया स्टॉक आने से दिल्ली और आसपास के ग्राहकों को लाभ मिलेगा। इतनी बड़ी मात्रा में प्याज की आवक होने से मूल्य नियंत्रण में रहेंगे। इस तरह की ट्रेनें अभी चलती रहेंगी। यह प्याज की डिमांड पर आधारित रहेगा।
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