Image Slider





-वायु प्रदूषण और धूम्रपान बनता है सीओपीडी का मुख्य कारण

गाजियाबाद। क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) फेफड़ों और वायु मार्ग को प्रभावित करने वाली बीमारी है। इस बीमारी के कारण आपका वायु मार्ग अवरुद्ध हो जाता है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) गाजियाबाद की मानें तो जिले में सीओपीडी की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या 5 लाख के करीब है। इसमें इस बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल नवम्बर माह के तीसरे बुधवार जो कि इस बार 20 नवम्बर को विश्व सीओपीडी दिवस मनाया गया है। बुधवार को आईएमए भवन में जानकारी देते हुए सीपीओडी रोग के विशेषज्ञ डॉ. आशीष अग्रवाल ने बताया कि वैश्विक आंकड़ों पर नजर डालें तो सीओपीडी के कारण 420 मिलियन इससे पीडि़त है।

दुनिया भर में सीओपीडी मृत्यु का तीसरा प्रमुख कारण है, जबकि यह भारत में मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है। डॉ. आशीष अग्रवाल ने बताया कि सीओपीडी एक पुरानी फेफड़ों की बीमारी है। जो वायु प्रवाह और श्वास से संबंधित लक्षणों के कारण बनती है। इसका कोई इलाज नहीं है। हालांकि, सीओपीडी को प्रबंधित और उपचारित करने के तरीके है। आज 30 वर्ष की आयु के बाद सीओपीडी तेजी से बढ़ रहा है, जिसमें प्रमुख रूप से वायु प्रदूषण और धूम्रपान कारण है। इस साल ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव लंग डिजीज द्वारा विश्व सीओपीडी दिवस के लिए चुना गया विषय अपने फेफड़ों का कार्य जाने चुना गया है।

आईएमए के अध्यक्ष डॉ राजीव गोयल ने बताया कि फेफड़ों का विकास गर्भ में शुरू होता है और युवा वयस्कता तक जारी रहता है। जिसमें वायु प्रदूषण और संक्रमण के संपर्क में आने से क्रोनिक फेफड़ों की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा डॉ सार्थक केसरवानी, डॉ. राजीव कुमार, डॉ नवनीत कुमार ने भी जानकारी दी। सीनियर फिजिशियन विश्व बंधु जिंदल ने बताया कि इनहेल्ड ब्रोन्कोडायलेटर्स, कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स, धूम्रपान छोडऩा, संतुलित आहार और व्यायाम शेडयूल का पालन करने करें। प्रदूषण का स्तर अधिक होने पर घर से बाहर न निकले। जरूरी होने पर घर से बाहर निकलने पर मास्क का प्रयोग करें।




———-

🔸 स्थानीय सूचनाओं के लिए यहाँ क्लिक कर हमारा यह व्हाट्सएप चैनल जॉइन करें।

 

Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||