सीपीसीबी के मुताबिक आनंद विहार, शादीपुर, बवाना समेत 14 इलाकों में एक्यूआई अति गंभीर श्रेणी में रहा। जबकि, मुंडका, नेहरू नगर समेत आठ इलाकों में हवा गंभीर श्रेणी व डीटीयू, लोधी रोड समेत तीन इलाकों में हवा बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की गई। भारतीय उष्णदेशीय मौसम भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) के मुताबिक रविवार को हवाएं उत्तर-पश्चिम से उत्तर दिशा की ओर से चली। इस दौरान हवा की गति 18 से 24 किलोमीटर प्रतिघंटे से रही। सोमवार को हवाएं उत्तर-पूर्व दिशा से चलने का अनुमान है। इस दौरान हवा की गति छह से 12 किलोमीटर प्रतिघंटे से चलेंगी। वहीं, सुबह के समय धुंध के साथ कोहरा छाए रहने की आशंका है। वहीं, मंगलवार को हवाएं उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर से चलेंगी। हवा की चाल 12 से 14 किलोमीटर प्रतिघंटे रहने का अनुमान है।
#WATCH | Delhi: Toxic foam seen floating on the Yamuna River in Kalindi Kunj, as pollution level in the river continues to remain high. pic.twitter.com/u9UtzkNKkU
— ANI (@ANI) November 18, 2024
एनसीआर में दिल्ली के बाद ग्रेटर नोएडा रहा सबसे प्रदूषित
सीपीसीबी के अनुसार एनसीआर में दिल्ली के बाद ग्रेटर नोएडा का सबसे अधिक वायु गुणवत्ता सूचकांक दर्ज किया गया। यहां एक्यूआई 362 रहा, जोकि बेहद खराब श्रेणी है। वहीं, फरीदाबाद में 275, गाजियाबाद में 362, नोएडा में 316 व गुरुग्राम में 310 एक्यूआई दर्ज किया गया।
हाल बेहाल…आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत
प्रदूषण के लिए राजधानी के लोगों के हाल बेहाल हैं। प्रदूषण बढ़ने से आंखों में जलन, सांस में दिक्कत और गले में खराश की शिकायतें बढ़ गई हैं। अस्पतालों में इसके मरीजों की संख्या बढ़ गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, रात 10 बजे दिल्ली में आईटीओ का एक्यूआई सर्वाधिक 496 पर पहुंच गया। एनसीआर के प्रमुख शहरों गाजियाबाद व ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई 362, नोएडा में 316, गुरुग्राम में 310, फरीदाबाद में 275 रहा। वहीं, हरियाणा के बहादुरगढ़ में एक्यूआई 445, राजस्थान के भिवाड़ी में 345 दर्ज किया गया।
25% तक बढ़ी अस्पतालों में मरीजों की संख्या
डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के नेत्र विभाग में राष्ट्रीय परिवार सुरक्षा गार्ड (एनएफएसजी) की मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. शिखा जैन ने कहा कि अस्पताल में ऐसे मरीजों की संख्या करीब 25 फीसदी तक बढ़ गई है। मरीज आंखों में लाल पन, दर्द, पानी आने सहित दूसरे शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को सलाह दी जाती है कि सुबह और शाम के समय बाहर जाने से बचें। यदि बाइक चलाते हैं तो चेहरे को कवर करते हुए हेलमेट पहने। जरूरत के आधार पर चश्में का प्रयोग करें। इनकी मदद से प्रदूषक कण आंखों में प्रवेश नहीं कर पाएंगे।
50 लाख से ज्यादा दोपहिया वाहन दिल्ली-एनसीआर में
दिल्ली परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में 80 लाख से ज्यादा वाहन पंजीकृत हैं। इनमें आधे दोपहिया वाहन हैं। इसके अलावा दूसरे राज्यों के भी काफी संख्या में दोपहिया वाहन है। वहीं एनसीआर में भी 10 लाख से अधिक दोपहिया वाहन हैं। एक अनुमान है इनमें से आधे से ज्यादा दोपहिया वाहन रोजाना सड़क पर निकलते हैं। इनमें अधिकतर वाहन सुबह और शाम के समय सड़क पर रहते हैं। इस दौरान प्रदूूषण का स्तर काफी निचले स्तर पर होता है। इनमें प्रदूषक कण भी काफी अधिक होता है जो आंखों के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
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