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– फोटो : amar ujala

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नोएडा में सॉफ्टवेयर कंपनी के डायरेक्टर दंपती ने बंटी-बबली बनकर चेक क्लियरेंस का फर्जी मैसेज दिखाकर शो रूम से 26 लाख रुपये के कीमत की टाटा सफारी ले ली। जिस दिन दोनों ने 26 लाख रुपये का चेक जारी किया था उस दिन उनके खाते में महज 995 रुपये थे। कार शो रूम की आंतरिक ऑडिट में फर्जीवाड़े का पता चला। 

कोतवाली फेज वन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी डायरेक्टर राजदेव को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि फरार पत्नी कोयल देव की तलाश जारी है। क्लियो काउंटी सोसाइटी निवासी राजदेव और कोयल देव सेक्टर-63 में डेवेक्स सॉफ्टवेयर कंपनी चलाते हैं। 

दंपती ने 10 अगस्त को सेक्टर-5 स्थित सागर मोटर्स  को 11 हजार रुपये देकर टाटा सफारी की ऑनलाइन बुकिंग कराई थी। दोनों ने यस बैंक के खाते का चेक सागर मोटर्स के नाम से जारी किया था। इसके बाद तत्काल चेक को वापस करा लिया। दोनों ने फर्जी मैसेज बनाकर सागर मोटर्स के खाते में 26 लाख रुपये का भुगतान दिखाकर टाटा सफारी की डिलीवरी ले ली। 

सागर मोटर्स की आंतरिक जांच में पता चला कि राजदेव की तरफ से जारी चेक क्लियर नहीं हुआ था। आरोपियों ने अपने फोन में जो मैसेज एजेंसी को दिखाया था वह फर्जी था। 

आरोप है कि चेक क्लियरेंस के दौरान टाटा मोटर्स के बैंक अकाउंट में रुपये का भुगतान कुछ समय के लिए प्रदर्शित हुआ था। इसका फायदा उठाकर आरोपी ने सफारी की डिलीवरी ले ली। मामले में टाटा मोटर्स की तरफ से कोतवाली फेज वन में मुकदमा दर्ज कराया गया है। 

12 लाख में बेच दी थी सफारी

आरोपियों ने फर्जीवाड़ा कर खरीदी 26 लाख की टाटा सफारी 12 लाख में बेच दी थी। डीलर के माध्यम से दिल्ली में ललित कुमार दीक्षित को कार बेची गई थी। आशंका है कि इन दोनों ने कई अन्य शहरों में भी इस तरह की ठगी कर कारें खरीदी होंगी। आरोपियों पर हिमाचल प्रदेश में भी केस दर्ज है।

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