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भालू (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : freepik

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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में भूरे भालुओं की आबादी कई तरह के खतरों से जूझ रही है। भूरे भालू अक्सर सोनमर्ग विकास प्राधिकरण (एसडीए) के सरबल स्थित कचरा डंप के साथ-साथ सैन्य शिविरों और अमरनाथ शिविर के कचरा स्थलों पर भोजन तलाशते हैं।

सोनमर्ग साइट पर कम से कम तीन से 11 ट्रक कचरा हर दिन फेंका जाता है। प्रतिदिन 50 से 550 किलो तक फेंके गए इस कचरे में भोजन के अलावा अनेक हानिकारक चीजें होती हैं, जो भूरे भालुओं के लिए बेहद नुकसानदेह हैं। यह जानकारी वाइल्डलाइफ एसओएस ने एक शोध अध्ययन के बाद अपनी रिपोर्ट में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को दी है।

इस शोध में भूरे भालुओं की गतिविधियों और दैनिक जीवन का विश्लेषण किया गया। भालुओं के मल विश्लेषण से पता चला कि ये अपचनीय वस्तुओं का सेवन कर रहे हैं। जांच में 408 में 86 नमूनों में प्लास्टिक की थैलियां, दूध पाउडर के पैकेट, चॉकलेट के रैपर, कांच के टुकड़े मिले।

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