राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
भारत सरकार की पहल से अब छात्राओं के लिए नोएडा के राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान में पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का कोर्स शुरू किया है, जो अब छात्राओं को एआई की बारीकियां सीखने और उन्हें तकनीकी क्षेत्र में रोजगार के लिए तैयार कर रहा है। इस एक वर्षीय कोर्स की फीस नाम मात्र की है और इसे सफलतापूर्वक एक साल तक पूरा करने पर प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। इसके बाद छात्राएं कई तकनीकी क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनकर उभरकर रोजगार हासिल करेंगी।
भारत सरकार ओर से संचालित नोएडा स्थित राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण केंद्र की प्रधानाचार्या शशि माथुर ने बताया कि इस कोर्स से छात्राओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। भारत सरकार की यह पहल छात्राओं को हर एक क्षेत्र में उन्हें मजबूत कर आत्मनिर्भर बना रहा है। उन्हें एआई इंटरेक्शन डिजाइनर, एआई डेटा विश्लेषक, मशीन लर्निंग सहायक, एआई इंजीनियर, बिजनेस इंटेलीजेंस सहायक जैसे पदों पर भारत और विदेशों में भी करियर बनाने का मौका मिलेगा।
‘एआई में लिखे जाने वाले इनपुट को प्रांप्ट कहा जाता है, जिसका उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, इसे समक्षने के लिए मैंने यहां से एआई का कोर्स करने के लिए अप्लाई किया। अब मैं एआई में प्रयोग होने वाल प्रांप्ट के प्रयोग को सीखकर प्रांप्ट इंजीनियर बनना चाहती हूं।‘ – ट्यूलिप खान
‘यह समय की मांग है, आजकल एआई का जिस तरह से उपयोग बढ़ा है, तब से मैं एआई के बारे में सही से जानना चाहती थी, जब पता चला कि इससे कंपनियों में एआई एक्सपर्ट भी रखे जा रहे हैं, डाटा साइंटिस्ट की भी डिमांड है, इसलिए मैने एआई कोर्स चुना है, अब मैं डाटा साइंटिस्ट बनना चाहती हूं।’ – मनीषा वर्मा
‘हेल्थ केयर में बड़ी बड़ी बीमारियों को समक्षने के लिए कई आधुनिक मशीनों में भी एआई का उपयोग होता है, मेरी रूचि भी स्वास्थ्य विभाग में जाने की है, इसलिए मैने यहां चलने वाले एआई के कोर्स को चुना है, कोर्स पूरा करके मैं हेल्थ केयर में डाटा साइंटिस्ट बनना चाहती हूं।‘ – कीर्तिका
‘पहले मैं नोएडा के कौशल प्रशिक्षण केंद्र में फैशन डिजाइनिंग का कोर्स करने आई थी, जब मुजे पता चला कि एआई के प्रयोग से फैशन डिजाइनिंग में ही बड़े बड़े काम को आसानी से पूरा कर सकेंगी और इससे नए नए आइडिया भी बन सकेंगे तो मैने एआई का कोर्स करना ही सही समझा, इस कोर्स को पूरा करते ही मै फैशन डिजाइनिंग में एआई की मदद् से अद्वितीय तरीकों और उस पर बेहतर रिसर्च करना चाहती हूं।’ -जारा खान
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