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नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच मौजूदा एक्सप्रेस-वे के समानांतर नए एक्सप्रेस-वे की हलचल एक बार फिर तेज हुई है। यूपी सरकार ने इस एक्सप्रेस-वे का प्रस्ताव केंद्र को भेज दिया है। यह प्रस्ताव नोएडा प्राधिकरण की तरफ से शासन को भेजा गया था। 

प्राधिकरण की मांग है कि यमुना पुश्ता के साथ नेशनल हाईवे का दर्जा दिलवाकर नया एक्सप्रेस-वे बनवाया जाए। इस प्रस्ताव पर केंद्र फैसला लेगा। अगर नेशनल हाईवे का दर्जा नहीं मिलता है तो स्टेट हाईवे का विकल्प अभी शेष है। यह परियोजना नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण क्षेत्र की कनेक्टिविटी के लिए अहम है। 

नए एक्सप्रेस-वे की तैयारी नवंबर 2023 में शुरू हुई थी। पहली बैठक नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) स्तर पर हुई थी। इसमें नोएडा, ग्रेनो, यमुना प्राधिकरण व जिला प्रशासन भी शामिल हुआ था।  

एक्सप्रेस-वे पर बढ़ रहा वाहनों का दबाव 

एक्सप्रेस-वे पर वाहनों का दबाव लगातार बढ़ रहा है। सुबह और शाम के व्यस्त समय में तो कई जगहों पर ट्रैफिक रेंगता हुआ नजर आता है। एक्सप्रेस-वे के किनारे अभी कई नए सेक्टर विकसित होने शुरू हुए हैं। इनके बन जाने के बाद ट्रैफिक दबाव और बढ़ जाएगा। वहींं, जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का संचालन शुरू होने से वाहनों का दबाव और बढ़ेगा। 

नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच नए एक्सप्रेस-वे का प्रस्ताव प्राधिकरण ने शासन को भेजा था। प्राधिकरण की मांग है कि इस एक्सप्रेस-वे को नेशनल हाईवे घोषित कर कनेक्टिविटी व भविष्य की जरूरत को देखते हुए पूरा करवाया जाए। यह प्रस्ताव केंद्र सरकार तक पहुंच चुका है। 

– डॉ. लोकेश एम, सीईओ, नोएडा प्राधिकरण

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