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प्रदेश सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह की रही है। यह देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। एयरपोर्ट का पहला चरण 1334 हेक्टेयर में मूर्त रूप लेगा। एक रनवे के साथ इसकी शुरुआत होगी। सबसे बड़ी बात यह है कि यह देश का ऐसा एयरपोर्ट होगा जो सबसे बड़ा सिविल एविएशन का हब होगा। यहां विमान की मरम्मत होगी और विमान के पार्ट्स भी बनेंगे। इस सबके लिए जमीन अधिग्रहण का काम लगभग पूरा हो गया है। सरकार के इस प्रोजेक्ट से प्रदेश की वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी में मिलेगी बड़ी मदद।

विजय मिश्रा (उदय भूमि)
ग्रेटर नोएडा। देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनाने का रिकॉर्ड 15 नवंबर को गौतम बुद्ध नगर जिले के जेवर के नाम दर्ज हो जाएगा। शुक्रवार को जेवर एयरपोर्ट पर ट्रायल रन शुरू होगा। इस दौरान एक माह में 70 बार हवाई जहाज उड़ान भरेंगे और उतरेंगे। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया इसकी निगरानी करेगा। ट्रायल पर सभी पहलुओं को परखेगा। इसके बाद व्यावसायिक उड़ाने शुरू हो जाएंगी।

गौतम बुद्ध नगर जिले में 23 साल पहले एयरपोर्ट बनाने का सपना देखा गया था। इसकी प्रक्रिया भी शुरू की गई थी, लेकिन बात सिरे तक नहीं पहुंच पाई। अब प्रदेश सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को धरातल पर उतरने का समय आ गया है। इस परियोजना में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह की रही। यह देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। एयरपोर्ट का पहला चरण 1334 हेक्टेयर में मूर्त रूप लेगा। एक रनवे के साथ इसकी शुरुआत होगी। सबसे बड़ी बात यह है कि यह देश का ऐसा एयरपोर्ट होगा जो सबसे बड़ा सिविल एविएशन का हब होगा यहां विमान की मरम्मत होगी। विमान के पार्ट्स बनेंगे। इस सबके लिए जमीन अधिग्रहण का काम लगभग पूरा हो गया है।

100 प्रतिशत एफडीआई वाला पहला प्रोजेक्ट
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह ने बताया कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का ट्रायल रन 15 नवंबर से शुरू होगा। यह ट्रायल एक महीने तक चलेगा। इस दौरान करीब 70 विमान उड़ान भरेंगे और उतरेंगे। इन सब का डाटा विशेषज्ञ एजेंसी तैयार करेगी। सारे पहलुओं को देखा जाएगा। इसके बाद व्यावसायिक उड़ान की अनुमति मिलेगी और एयरपोर्ट का संचालन शुरू हो जाएगा। डॉ सिंह बताते हैं कि यह ऐसी परियोजना है जिससे पूरे प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर आमूल चूल बदलाव दिखेगा। यह उत्तर प्रदेश की 1 ट्रिलियन डॉलर इकोनामी बनने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड सीईओ डॉ अरुण वीर सिंह ने बताया कि यह 100 परसेंट एफडीआई वाला पहला प्रोजेक्ट है।

एयर कार्गो का हब बनेगा

नोएडा एयरपोर्ट कार्गो का हब भी बनेगा। एयरपोर्ट का दूसरा चरण एयर कार्गो के नाम होगा। इसके लिए डेडीकेटेड रनवे बनेगा। यहां से माल उतरेगा और दूसरे देशों को जाएगा। एक अध्ययन के मुताबिक उत्तर प्रदेश में गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद से सबसे अधिक एयर कार्गो दिल्ली एयरपोर्ट को जाता है। जब यहां पर एयर कार्गो की सुविधा शुरू होगी तो सारा सामान इसी एयरपोर्ट से जाएगा और यह एयर कार्गो का बड़ा हब बनेगा।

भारतीय संस्कृति की दिखेगी झलक

एयरपोर्ट का डिजाइन इस तरह से किया गया है कि इसमें भारतीय संस्कृति की झलक दिखेगी। एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग में बनारस के घाटों की झलक दिखेगी। यहां आंगन भी दिखेंगे। जिसमें यात्री बैठ सकेंगे और अपने विमान का इंतजार करेंगे। इसका डिजाइन इस तरह से है कि इसमें प्रवेश करते ही आपको लगेगा कि हम भारत में आ चुके हैं।

परियोजना के नाम कई रिकॉर्ड दर्ज

यह परियोजना अपने साथ कई इतिहास समेटे हुए है। कई रिकॉर्ड भी इसके नाम दर्ज हो चुके हैं। यह देश का पहला एयरपोर्ट है जो सबसे कम समय में शुरू होने जा रहा है। साथ ही नए जमीन अधिग्रहण कानून के तहत यह पहला प्रोजेक्ट है, जिसके लिए जमीन किसानों से ली गई है। किसानों की सहमति से लेकर जमीन का अधिग्रहण किया गया। विस्थापित किसानों के लिए अलग शहर बसाया गया। उन किसानों को वहां पर बसा दिया गया। इसके बाद साइट पर काम शुरू किया गया। रिकॉर्ड कम समय में परियोजना को धरातल पर उतारा गया है।

सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह की भूमिका अहम

एयरपोर्ट की सैद्धांतिक सहमति से लेकर निर्माणकर्ता एजेंसी के चयन तक में सबसे अहम भूमिका यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह की रही। हर छोटी बड़ी अनुमति के लिए उन्होंने खुद प्रयास किया। इसके साथ ही एयरपोर्ट के नोडल अधिकारी शैलेंद्र भाटिया की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। कामों को समय पर निपटाना और मूर्त रूप दिलाना उनकी प्राथमिकता में रहा है। यही कारण रहा कि यह एयरपोर्ट रिकॉर्ड समय में शुरू होने जा रहा है।

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