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– फोटो : अमर उजाला

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सेक्टर-51 स्थित क्लाउड नाइन अस्पताल पर महिला ने गंभीर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए प्रबंधन, डॉक्टर और नर्स के खिलाफ केस दर्ज कराया है। महिला का आरोप है कि अस्पताल में सर्जरी के दौरान उसके पेट में 23 सेंटी मीटर लंबा प्लास्टिक पाइप छोड़ दिया गया जिससे उसे लंबे समय तक दर्द झेलना पड़ा। दिल्ली के निजी अस्पताल में सर्जरी करवाकर पाइप बाहर निकलवाने के बाद राहत मिली। 

महिला की शिकायत पर सेक्टर-49 थाने में अब अस्पताल प्रबंधक डॉ. इला गुप्ता, डॉ. बिप्लब मुखेपाध्याय और डॉ. स्वाति राजपुरे, ड्यूटी डॉक्टर व ड्यूटी नर्स के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। नोएडा जोन के एडीसीपी मनीष मिश्रा ने बताया कि शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर तथ्यों पर जांच की जा रही है।

पुलिस को दी शिकायत में दिल्ली के पटपड़गंज निवासी किरण नेगी ने बताया है कि 2 फरवरी 2023 को क्लाउड नाइन अस्पताल में गर्भाशय की गांठ हटवाने के लिए सर्जरी कराई थी। आरोप है कि इस दौरान डॉक्टरों ने उनके पेट में 23 सेमी लंबा प्लास्टिक की पाइप छोड़ दिया। अस्पताल में डॉ. इला गुप्ता व डॉ. बिप्लब मुखोपाध्याय की टीम ने सर्जरी की थी। ऑपरेशन के बाद पेट में ड्रेन बैग लगाया गया था जिसे चार दिन बाद हटाना था। अगले दिन ड्यूटी स्टाफ द्वारा बैग को खाली करते समय बैग बाहर निकल आया, लेकिन ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने इसे नजरअंदाज कर दिया। आरोप है कि डॉक्टर ने किसी प्रकार की चिंता नहीं करने की सलाह दी और चार दिन बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। 

छुट्टी मिलने के बाद उन्हें पेट में लगातार दर्द महसूस हुआ। करीब एक सप्ताह बाद अस्पताल की ओपीडी में गईं। उन्होंने डॉ. इला गुप्ता से पेट दर्द की शिकायत की। आरोप है कि इस पर डॉ. इला ने डॉ. बिप्लब और डॉ. स्वाति राजपुरे से बात कराने के बाद मांसपेशियों का दर्द बताते हुए 6-7 महीने तक इंतजार करने की सलाह दी। 

दर्द कम नहीं होने पर किरण ने दूसरे डॉक्टर से सलाह ली। अल्ट्रासाउंड कराने पर पेट में प्लास्टिक पाइप होने की जानकारी मिली। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के निजी अस्पताल में 9 अक्तूबर 2023 को सर्जरी कराकर पाइप बाहर निकलावा दी। किरण को दूसरी सर्जरी के बाद दर्द से राहत मिली। 

अस्पताल प्रबंधन ने आरोपों को किया खारिज 

क्लाउड नाइन अस्पताल प्रबंधन की तरफ से जारी किए गए बयान में आरोपों को सिरे से खारिज किया गया है। प्रबंधन के मुताबिक मरीज ने दो साल पहले इलाज करवाया था।  तब अस्पताल से पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद मरीज की छुट्टी की गई थी। अब शिकायत देकर और ऐसे आरोप लगाकर अस्पताल की प्रतिष्ठा को क्षति पहुंचाने की कोशिश अनुचित है। अस्पताल प्रबंधन ऐसे तथ्यहीन दावों व आरोपों का खंडन करता है। 

सीएमओ ने कहा- जानकारी नहीं

केस व अस्पताल पर लगे आरोप को लेकर गौतमबुद्ध नगर के सीएमओ डॉ. सुनील कुमार शर्मा ने कहा कि उन्हें इस प्रकरण की जानकारी नहीं है। यह पुराना प्रकरण हो सकता है। उन्होंने कहा कि अलग-अलग मामलों में कई अस्पतालों की जांच चल रही है।

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