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सांकेतिक तस्वीर

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नरेला में जेल बनाने की योजना का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया हैै। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने इसे दिल्ली सरकार के गृह विभाग को भेज दिया है। विभाग की मंजूरी मिलने के बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी और 18 माह में निर्माण पूरा करना होगा। निर्माण कार्य पर 96 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस जेल में उच्च जोखिम वाले कैदियों को रखा जाएगा।

अधिकारियों ने बताया कि नरेला में 1.63 लाख वर्गमीटर क्षेत्र में जेल बनेगी। इसमें 15.46 हजार वर्गमीटर में निर्माण होगा। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने जमीन आवंटित कर दी है। इसका निर्माण अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सेलुलर जेल की तर्ज पर होगा। इसमें 250 सेल होंगे। एक फैक्ट्री भी होगी जिसमें कैदी कुछ चीजें बनाकर खुद को व्यस्त रख सकेंगे। जेल में दिल्ली से संबंधित कैदियों को रखने की प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें सीसीटीवी कैमरे, चौबीसों घंटे निगरानी, कैदियों के बीच ज्यादा बातचीत न हो, ऊंची दीवारें और बेहतर तकनीक के मोबाइल जैमर आदि होंगे।

तिहाड़ से बोझ होगा कम

मौजूदा समय में दिल्ली में तिहाड़, रोहिणी और मंडोली जेल है। इनकी क्षमता करीब 10 हजार की है। नई जेल बनने के बाद यहां दो हजार कैदी स्थानांतरित हो जाएंगे। इस लिहाज से देखें तो क्षमता से अधिक कैदी की समस्या से जूझ रहे तिहाड़ की समस्या का करीब 20 प्रतिशत तक समाधान हो जाएगा। नरेला में जेल परिसर बनने से केवल 20 प्रतिशत समस्या ही हल होगी। 

समस्या के पूर्ण समाधान के लिए दिल्ली में जेलों की या तो क्षमता बढ़ानी होगी, या फिर नए परिसर बनाने होंगे। नरेला के बाद दिल्ली में पांचवें जेल परिसर के निर्माण की योजना भी है। इसके लिए बापरौला में जमीन की भी तलाश कर ली गई है। अधिकारियों का कहना है नरेला और बापरौला में जेल बनने से मौजूदा जेल परिसरों में कैदियों का बोझ 50 फीसदी तक कम हो जाएगा।

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