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यमुना नदी में जहरीले झाग
– फोटो : एएनआई

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दिल्लीवासियों की सांसों पर संकट पहले से ही बरकरार है। वहीं यमुना नदी में जहरीले झागों की वजह से एक बार फिर से प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। शुक्रवार को कालिंदी कुंज में यमुना नदी में सफेद झाग पानी पर तैरते हुए दिख रहे हैं। दिवाली के बाद अब छठ पर्व को मनाने के लिए दिल्ली में जोरों पर तैयारी चल रही है। 

बीते सप्ताह कालिंदी कुंज में यमुना नदी में जहरीला झाग तैरते दिखे थे तो यमुना में प्रदूषण को लेकर आम आदमी पार्टी ने भाजपा के विरोध प्रदर्शन करने पर हमला बोला। आप नेता सत्येंद्र जैन ने कहा था कि नदी में बहने वाला औद्योगिक कचरा दिल्ली से नहीं आता है, राष्ट्रीय राजधानी में कोई जल प्रदूषणकारी उद्योग नहीं हैं। जैन ने दावा किया कि यमुना में औद्योगिक कचरा हरियाणा और उत्तर प्रदेश से आता है।

उन्होंने कहा था कि यह कचरा बादशाहपुर नाले से होकर नजफगढ़ नाले में जाता है, जोकि गुरुग्राम की तरफ से आता है। सोनीपत में औद्योगिक कचरा नरेला की तरफ से यमुना में आता है। शाहदरा नाले में औद्योगिक कचरा उत्तर प्रदेश से आता है।

उन्होंने कहा था कि कालिंदी कुंज के पास यूपी जल निगम द्वारा प्रतिबंधित एक बैराज है, जिसके 12 गेट हैं। अगर ये सभी गेट खोल दिए जाएं, तो झाग जमा नहीं होगा लेकिन वे आमतौर पर केवल 2-3 गेट ही खोलते हैं।

वहीं दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा था कि भाजपा वास्तविक समाधानों के बजाय केवल दिखावा करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा प्रदूषण फैलाने वाली पार्टी है और उसे लगता है कि सिर्फ नाटक से ही प्रदूषण का समाधान हो सकता है लेकिन दिल्ली सरकार को लगता है कि सभी सरकारों और पार्टियों को मिलकर काम करना चाहिए।

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