राजधानी में वायु गुणवत्ता खराब होने के साथ ही ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) का पहला चरण लागू है। ऐसे में दिल्ली सरकार के साथ तमाम एजेंसियां वायु प्रदूषण की रोकथाम करने के लिए तमाम दावे कर रही हैं। लेकिन, दिलचस्प है कि यह नियम-कायदे जमीनी स्तर पर लागू होते नहीं दिख रहे हैं। प्रदूषण के हॉटस्पॉट में ग्रैप के नियमों की अनदेखी की जा रही है। निर्माण स्थलों के बाहर न तो कोई एंटी स्मॉग गन का इस्तेमाल हो रहा है और न ही धूल को नियंत्रित करने के लिए पानी का छिड़काव किया जा रहा है। आलम यह है कि यहां की सड़कें धूल-मिट्टी से पटी हैं। इससे लोगों को मजबूरन इसके बीच से जाना पड़ रहा है। अमर उजाला ने ऐसे की कुछ हॉटस्पॉट की पड़ताल की। जहां खुले तौर पर ग्रैप के नियमों को धज्जियां उड़ती दिखीं।
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