Image Slider

-देश की राजधानी से सटा होने के कारण सक्रिय शराब माफिया पर आबकारी विभाग की नजर
-सरकार की और से मिले लक्ष्य को पूरा करने के साथ शराब माफिया की कमर तोड़ने में आबकारी विभाग
-शराब माफिया को खत्म करने के लिए उसके नेटवर्क को जोड़ने में जुटा विभाग की टीम
-अवैध शराब के धंधे में शामिल तस्करों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस से दस कदम आगे आबकारी विभाग

उदय भूमि
गाजियाबाद। शराब माफिया को खत्म करना है तो उसके नेटवर्क को ध्वस्त कर दो। कार्रवाई ऐसा हो कि माफिया फिर कभी उठकर खड़ा ना हो पाये। यदि उसके जेहन में फिर से सक्रिय होने का विचार भी आये तो उसका मन खौफ से भर जाये। कुछ यही अंदाज और कार्यशैली गाजियाबाद के जिला आबकारी अधिकारी संजय कुमार प्रथम की है। जनपद गाजियाबाद को अवैध शराब के निर्माण और बिक्री पर रोक लगाने और इनकी तस्करी में संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्यवाही के लिए जिला आबकारी अधिकारी ने कड़े निर्देश दिए हैं। इसके लिए उन्होंने आबकारी विभाग की 7 टीमें गठित की हैं। त्योहारों के समय अवैध शराब के निर्माण और तस्करी की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। अवैध शराब में मिथाइल अल्कोहल मिला हो सकता है। शराब में इसके मिश्रण से पीने वालों के आंखों की रोशनी चली जाती है, उनकी जान भी जा सकती है। शराब के शौकीन लोगों से अपील की गई है को वह आबकारी की दुकानों से क्यूआर कोड लगी और सील बंद बोतल ही खरीदें। अवैध और नकली शराब न खरीदें। जिले में अवैध शराब का कारोबार करना शराब माफिया के लिए खतरे से खाली नहीं है। जिले में कदम रखते ही उन्हें उनकी सही जगह जेल पहुंचाने का काम इन दिनों गाजियाबाद आबकारी विभाग की टीम कर रही है।

दिल्ली से शराब की तस्करी रोकना आबकारी विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नही रहा है। खासतौर पर त्योहार और चुनाव के सीजन में यह चुनौती और बढ़ जाती है। क्योंकि शराब माफिया जिले के अलावा अन्य राज्यों में भी अवैध शराब सप्लाई करने की जुगत में रहते है। मगर उसी चुनौती को काम का हिस्सा मानकर जिला आबकारी अधिकारी संजय कुमार प्रथम अपनी कार्रवाई को अंजाम दे रहे है। विभाग द्वारा जो जिम्मेदारी दी गई है, उसका बखूवी पालन किया जा रहा है। गाजियाबाद हमेशा शराब तस्करों की पसंदीदा जगह रहा है। चूंकि तस्करों को अपने कांन्टेक्ट के जरिए अवैध शराब बेचकर मोटा मुनाफा होता रहा है। गाजियाबाद में दिल्ली के अलावा हरियाणा आदि राज्यों से तस्करी कर शराब लाई जाती रही है। आबकारी विभाग भी समय-समय पर शराब तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करता रहता है। शराब तस्करी के लिए जो रास्ते ज्यादा संवेदनशील हैं, वहां चौकसी पर ध्यान दिया जाता है। जरूरत पडऩे पर दिल्ली और हरियाणा के आबकारी अधिकारियों के साथ समन्वय भी स्थापित किया जाता है। जिला आबकारी अधिकारी द्वारा शराब तस्करों से निपटने के लिए गाजियाबाद में तैयार की गई रणनीति का ही असर है कि विधानसभा का चुनाव हो या फिर कोई त्योहार इन दोनों ही सीजन में शराब माफिया इस बार अपने कदम नहीं जमा पाए। शराब तस्करों को जिले में आने से रोकने के लिए आबकारी विभाग की टीमें दिन रात पूरी मुस्तैदी के साथ पहरा दे रही है।

शराब तस्करों के लिए अभेद चक्रव्यूह का निर्माण
लोनी बॉर्डर, ट्रोनिका सिटी, यूपी बॉर्डर, सीमापुरी के साथ डासना और दुहाई टोल टैक्स के माध्यम से जिले और अन्य राज्यों में होने वाली शराब तस्करों को रोकने के लिए आबकारी विभाग ने एक अभेद चक्रव्यूह का निर्माण किया है। इस चक्रव्यूह पर पहरा देने के लिए आबकारी अधिकारी ने आबकारी निरीक्षक अखिलेश बिहारी वर्मा, डॉ. राकेश त्रिपाठी, त्रिवेणी प्रसाद मौर्य, मनोज शर्मा, अनुज वर्मा और अभय दीप सिंह की टीम को जिम्मेदारी दी गई है। यह टीमें तीन शिफ्टों में लगातार 24 घंटे पहरा दे रही है। यह चक्रव्यूह ऐसा है कि जिले में आने के बाद शराब माफिया का यहां निकल पाना बेहद मुश्किल है। गाजियाबाद में तैनाती के दौरान संजय कुमार प्रथम ने जिस तरह से शराब माफियाओं की रीढ़ की हड्डी तोड़ी और उनके संगठित नेटवर्क को छिन्न-भिन्न किया उसका असर आने वाले लंबे समय तक दिखाई देगा। शराब माफिया के तंत्र को खत्म करने और अवैध शराब की बिक्री पर लगाम लगाने के साथ ही राजस्व वसूली का भी रिकॉर्ड बनाया है। तीन साल पहले गाजियाबाद शराब तस्करी के लिए बदनाम था।

जनपद का लोनी और खोड़ा और विजय नगर क्षेत्र में अवैध शराब के कारोबार का गढ़ बन गया था। हालात इस कदर हो गये थे कि जहरीली शराब पीने से कई लोगों की जान जाने की खबरें मीडिया में सुर्खियां बटोरने लगी। जनपद में सिर्फ शराब माफिया का बोलबाला था। अवैध शराब के कारोबार और माफिया के खिलाफ कार्रवाई पूर्व में भी हुई लेकिन माफियाओं का कुछ नहीं बिगड़ा। इस दौरान आबकारी विभाग की बदनामी भी खूब होती थी। कभी मिलीभगत के आरोप तो कभी कार्यवाही करने का दिखावा करने का आरोप अधिकारियों पर लगता रहता था। चार्ज संभालने के बाद 8 माह में अभियान चलाकर तेज-तर्रार जिला आबकारी अधिकारी संजय कुमार प्रथम ने इस तरह कार्रवाई की आज गाजियाबाद में अपना कदम जमाने वाले माफिया या तो सलाखों के पीछे हवा खा रहे है या फिर गाजियाबाद छोड़कर किसी अन्य जिले में शरण लेने को मजबूर है।

हिंडन खादर क्षेत्र में अवैध शराब का धंधा हुआ मंदा
शराब तस्करों के खिलाफ कार्रवाई का मोर्चा संभाल रही गाजियाबाद के आबकारी विभाग के पास भले ही पर्याप्त फोर्स न हो, मगर कम साधन में जिले से शराब तस्करों का सफाया कर देना आबकारी विभाग के लिए किसी सफलता से कम नहीं है। जितनी फोर्स एक थाने में होती है, उससे कम फोर्स आबकारी विभाग के पास है। उसके बाद भी आबकारी विभाग की टीमों ने अपनी कार्रवाई से शराब तस्करों के हौंसले को परास्त कर रखा है। हिंडन खादर क्षेत्र में पूर्व में शराब माफिया त्योहार हो या फिर चुनाव हजारों लीटर की मात्रा में अवैध शराब का निर्माण करते थे। मगर आबकारी विभाग की लगातार कार्रवाई और हो रहे नुकसान शराब माफिया का यह धंधा भी मंदा हो गया है। दशहरा पर्व में आबकारी विभाग द्वारा चलाए गए अभियान में आबकारी विभाग को इस बार हिंडन खादर क्षेत्र में कहीं भी अवैध शराब निर्माण होते हुए नहीं पाया गया।

लोगों की जागरूकता बनी हथियार
अवैध शराब के खिलाफ आमजन को बचाने और उनके अंदर जागरुकता लाने के लिए आबकारी विभाग ने बहुत मेहनत की है। आबकारी विभाग की मेहनत का असर है कि हिंडन खादर क्षेत्र में जब भी अवैध शराब का निर्माण होता तो वहां के लोग इसकी सूचना आबकारी विभाग का दे देते थे। जिससे आबकारी विभाग को कार्रवाई करने में आसानी होती थी। अवैध शराब के कारोबार को खत्म करने के लिए लोगों में जागरूकता जरुरी है। इसी जागरूकता को बढ़ाने के लिए आबकारी विभाग की टीम ने दिन-रात मेहनत की और अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर अपनी कार्रवाई में शामिल किया। आबकारी अधिकारी संजय कुमार प्रथम का काम के प्रति लगाव और मृदुल व्यवहार उन्हें दूसरे अधिकारियों से अलग करता है। अपने व्यवहार के कारण वह मातहतों के बीच भी लोकप्रिय रहते हैं। साथ ही अवैध शराब के धंधे में शामिल लोगों के लिए उन पर कार्रवाई करने का अंदाज भी बिल्कुल अलग है।

संजय कुमार प्रथम
जिला आबकारी अधिकारी

जिला आबकारी अधिकारी संजय कुमार प्रथम का कहना है कि शराब माफिया को खत्म करने के लिए उनके नेटवर्क को तोडऩा बेहद जरुरी है और उसके लिए उनकी जड़ों पर कार्रवाई करना बेहद जरुरी है। जब जड़े कमजोर होंगी तो खुदबाखुद शराब माफिया का खात्मा होगा। अवैध शराब के तस्करों की बढ़ती सक्रियता को रोकने के लिए विभाग द्वारा कार्रवाई तेजी से की जा रही है। आबकारी निरीक्षकों को मुख्य मार्गों पर चेकिंग का दायरा बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। शराब तस्करी की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों और मार्गों पर पैनी नजर रखी जा रही है, ताकि तस्करों पर शिकंजा कसा जा सकें। सभी आबकारी निरीक्षक टीम वर्क के साथ फील्ड में उतरकर कार्रवाई कर रहें हैं। अभियान के दौरान अवैध शराब के निर्माण तथा बिक्री के अड्डों पर रोक लगाने के लिए छापेमारी की जा रही है। होटल एवं रेस्टोरेंट में होने वाली पार्टियों पर भी विशेष निगरानी की जा रही है। चुनौती कोई भी हों, उससे निपटने के लिए विभाग द्वारा पूरी तरह से तैयारी है। विभाग ने छोटे-बड़े तस्करों की सक्रियता को जड़ से समाप्त करने के लिए जो रणनीति तैयार की है, वह निश्चित रूप से रंग लाएगी। अनुज्ञापियों को भी नियमानुसार शराब बिक्री के निर्देश दिए गए है। जिससे शराब की दुकानों पर होने वाली ओवर रेटिंग को रोका जा सकें।

Social Media Links

Follow Us on Social Media

Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||