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गिरफ्त में आरोपी
– फोटो : अमर उजाला

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रिटायर्ड मेजर जनरल को डिजिटल अरेस्ट कर 2 करोड़ की ठगी करने के तीन आरोपी जयपुर से गिरफ्तार किए गए हैं। सेक्टर-36 साइबर क्राइम पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने डिजिटल अरेस्ट कर किए गए फ्रॉड में रकम डलवाने के लिए बैंक खाता उपलब्ध कराया था। ठगी थाईलैंड में बैठे साइबर अपराधियों के गिरोह ने की थी। 

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पकड़े गए आरोपियों की पहचान जयपुर के कानाराम (30), ललित कुमार (22) और सचिन कुमार (30) के रूप में हुई है। सेक्टर-31 निवासी रिटायर्ड मेजर जनरल ने 28 अगस्त को साइबर क्राइम थाने में 2 करोड़ रुपये ठगी की एफआईआर दर्ज कराई थी। पीड़ित को 5 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया था। 

ठगी से पहले कॉल करने वाले ने खुद को कुरियर कंपनी का कर्मचारी बताया। बताया गया कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल कर एक पार्सल ताइवान भेजा जा रहा था, जिसमें पांच पासपोर्ट, चार बैंकों के क्रेडिट कार्ड, कपड़े, 200 ग्राम एमडीएमए (ड्रग्स) और एक लैपटॉप समेत अन्य अवैध सामान हंै। शिकायतकर्ता से कहा गया कि अगर उन्हें ऐसा लग रहा है कि उनके आधार कार्ड के साथ छेड़छाड़ हुई है तो मुंबई क्राइम ब्रांच में इसकी शिकायत करनी होगी।

इसके बाद व्हाट्सएप कॉल के जरिये अजय कुमार बंसल नाम के कथित मुंबई पुलिस के अधिकारी और शिकायतकर्ता को जोड़ा गया। जालसाजों ने शिकायतकर्ता के पास फर्जी सीबीआई का एक लेटर भेजा गया। इसमें लिखा था कि अगर उसे जेल जाने से बचना है तो पूछताछ संबंधी कोई भी जानकारी परिवार के लोगों से साझा नहीं करनी होगी। 

कैमरे के जरिये ठग मेजर जनरल पर नजर जमाए रहे। इस दौरान दावा किया कि मेजर जनरल पर कभी भी हमला हो सकता है। डराने के लिए एक डॉक्टर दंपती हत्याकांड का कथित उदाहरण    भी दिया। 

इसके बाद डीसीपी बने ठग ने पीड़ित से सारी गतिविधि शेयर करने को कहा और वित्तीय जानकारियां पूछी जाने लगी। म्यूच्यूअल फंड्स और एफडी को तोड़कर पूरी रकम ठगों ने विभिन्न खातों में ट्रांसफर करने को कहा। 

जेल जाने से बचने के लिए शिकायतकर्ता ने बैंक जाकर विभिन्न खातों में रकम ट्रांसफर की। एफडी तुड़वाकर भी 2 करोड़ रुपये ठगों ने ट्रांसफर करवा लिए थे। पुलिस गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर जुड़े अन्य आरोपियों का पता लगाने में जुटी है।

100 से ज्यादा साइबर ठगी में बैंक अकाउंट उपलब्ध करा चुके थे आरोपी

पकड़े गए आरोपियों के कब्जे से जिन बैंक अकाउंट का ब्योरा मिला है। वह 100 से ज्यादा साइबर ठगी की घटनाओं में प्रयोग में लाए गए हैं। इनमें 76 का ब्योरा पुलिस को मिल गया है। यह ठगी की घटनाएं तमिलनाडु की 8, कर्नाटक की 20, तेलंगाना की 7, आंध्र प्रदेश की 5, दिल्ली की 3, हरियाणा की 3, पश्चिम बंगाल की 3, गुजरात की 2, झारखंड की 2, केरल, उड़ीसा, राजस्थान, यूपी में 2-2 की गई थी। इसी तरह छत्तीसगढ़ व उत्तराखंड की 1-1 घटना शामिल है।

केस की जांच में अकाउंट तक पहुंची पुलिस

एडिशनल डीसीपी साइबर क्राइम प्रीति यादव ने बताया कि मेजर जनरल के साथ ठगी की जब शिकायत मिली तो उन खातों को फ्रीज कराया गया जिनमें ठगी की रकम ट्रांसफर हुई थी। खातों की जांच में पुलिस जयपुर तक गई। जांच में यह गैंग सामने आया। थाना पुलिस ने तीनों आरोपियों को जयपुर से गिरफ्तार किया।

विदेशी सरगना के संपर्क में थे तीनों

तीनों आरोपियों का सरगना विदेश से चल रहे साइबर ठगी के गैंग के संपर्क में था। पूर्व में डिजिटल अरेस्ट कर हुई ठगी की घटनाओं की जांच में उसे मुंबई पुलिस ने 10 दिन पहले गिरफ्तार किया है। 

 

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