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नई दिल्ली: हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए. हरियाणा में भाजपा की हैट्रिक लग गई. कांग्रेस का इंतजार बढ़ गया. वहीं, जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन में होने की वजह से किसी तरह कांग्रेस सत्ता का सुख भोग पाएगी. हरियाणा और जम्मू-कश्मीर रिजल्ट के बाद अब कांग्रेस को अपने भी आंख दिखाने लगे हैं. इन चुनावी नतीजों का असर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अच्छे से दिखेगा. इसकी झलक अभी से ही दिखने लगी है. उद्धव गुट वाली शिवसेना ने राहुल गांधी के कांग्रेस को इशारों-इशारों में महाराष्ट्र हरियाणा वाली गलती न करने की हिदायत दी है.

सामना के संपादकीय में उद्धव गुट ने हरियाणा में कांग्रेस की हार पर स्थानीय नेता भूपेंद्र हुड्डा और कांग्रेस नेतृत्व पर जमकर हमला बोला. संपादकीय में हरियाणा में कांग्रेस की हार की वजह को अति आत्मविश्वास बताया गया. उद्धव गुट वाली शिवसेना के सामना में लिखा गया, ‘हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे भाजपा-कांग्रेस के लिए चौंकाने वाले हैं. हरियाणा में कांग्रेस की हार की वजह फाजिल आत्मविश्वास और स्थानीय नेताओं की नाफरमानी को माना जा रहा है. कोई भी मजबूती से नहीं कह रहा था कि हरियाणा में दोबारा भाजपा की सरकार आएगी. कुल मिलाकर माहौल यह था कि कांग्रेस की जीत एकतरफा होगी; लेकिन जीत की पारी को हार में कैसे बदला जाए यह कांग्रेस से ही सीखा जा सकता है.’

सामना में कहा गया कि हरियाणा में भाजपा विरोधी माहौल था. ऐसा माहौल था कि भाजपा के मंत्रियों और उम्मीदवारों को हरियाणा के गांवों में घुसने नहीं दिया जा रहा था, फिर भी हरियाणा के नतीजे कांग्रेस के खिलाफ गए. हरियाणा में स्थिति अनुकूल होने के बावजूद कांग्रेस फायदा नहीं उठा सकी. कांग्रेस के साथ ऐसा हमेशा होता है. पिछली दफा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में इसी तरह का माहौल था कि भाजपा सत्ता में नहीं आएगी, लेकिन कांग्रेस पार्टी की आंतरिक कलह भाजपा के लिए मुफीद साबित हुई.’

शिवसेना ने सामना के जरिए भूपेंद्र हुड्डा को घेरा है. सामना में सवाल किया गया कि क्या पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा में कांग्रेस पार्टी की नैया डुबो दी है? हुड्डा की भूमिका इस तरह थी कि जैसे कांग्रेस के सूत्रधार वही हैं. सामना ने हुड्डा और कुमारी शैलजा विवाद को भी बड़ी वजह माना है. सामना में कहा गया कि हुड्डा और उनके लोगों ने कुमारी शैलजा का पब्लिकली अपमान किया. मगर दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान हुड्डा को रोकने में विफल रहा. हरियाणा में भाजपा इस वजह से जीत पाई क्योंकि कांग्रेस का संगठन अव्यवस्थित एवं कमजोर था.

शिवसेना का मानना है कि हरियाणा चुनाव का असर महाराष्ट्र में नहीं होगा. हालांकि, शिवसेना ने कांग्रेस को हरियाणा वाली गलती न दोहराने की नसीहत दी है. सामना में लिखा गया कि महाराष्ट्र की जनता हरियाणा की राह पर नहीं जाएगी और महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी की जीत होगी. मराठी जनमत मोदी-शाह, फडणवीस-शिंदे के खिलाफ है. महाराष्ट्र की बाजी महाविकास गठबंधन जीतेगा, लेकिन राज्य में कांग्रेस नेताओं को हरियाणा के नतीजों से बहुत कुछ सीखना है. हरियाणा में कांग्रेस ने ‘आप’ समेत कई घटकों को दूर रखा, क्योंकि उन्हें सत्ता में हिस्सेदारी नहीं चाहिए थी. इस खेल में पूरा राज्य ही हाथ से निकल गया.

Tags: Congress, Haryana news, Maharashtra News, Rahul gandhi, Shiv sena

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