संजय लीला भंसाली की पिछले कुछ सालों में एक प्रेरणादायक यात्रा रही है. एसएलबी ने हॉलीवुड रिपोर्टर इंडिया के साथ एक इंटरव्यू में, भंसाली ने कहा, ‘हर आर्टिस्ट को अपमानित होना पड़ता है. अगर मजाक न उड़ाया जाए या आपके साथ जो सही-गलत हुआ उसे लेकर आपमें गुस्सा न हो तो आपको एक्प्रेस करना नहीं आएगा.आपके पास कहने के लिए कुछ होगा ही नहीं. एक्सप्रेशन आक्रोश से आता है.
मैं खुशकिस्मत हूं कि…
उन्होंने आगे कहा कि मैं खुश किस्मत हूं कि कष्ट में पैदा हुआ. मैं खुशकिस्मत हूं कि 300 स्क्वैयर फीट बेरंग चॉल में पैदा हुआ. मैं खुशकिस्मत हूं कि उस पिता के यहां जन्मा जो पीछे अधूरे सपने छोड़ गए. इससे मुझे इतना धैर्य मिला, जितना किसी फिल्ममेकर को नहीं मिल सकता.
‘विरोधाभास मुझे बनाता है’
भंसाली आगे बातचीत में कहा, ‘आपको समझना पड़ेगा कि मैं बहुत ही शापित और ब्लेस्ड हूं. मुझे बहुत प्यार मिला और नफरत भी. मैं बहुत सफल हूं और असफल भी. यही विरोधाभास है जो मुझे बनाता है. मैं हमेशा ऐसा ही रहूंगा.’
छोटी सी जगह पर परफॉर्म करती थी मां…
संजय लीला भंसाली ने आगे कहा, मेरी मां डांसर थीं जो छोटी सी जगह में परफॉर्म करती थीं, क्योंकि हम चॉल में रहते थे. इसके उलट मेरी हीरोइनें महंगी सेटिंग में डांस करती हैं. जो भी ट्रॉमा मैंने झेला उससे मेरी फिल्ममेकिंग रिच हुई. मैं खुद को एक समझदार व्यक्ति के रूप में देखता हूं. मैं अपने आप से पूछता हूं कि मैं इस सारी अव्यवस्था को कैसे व्यवस्थित कर सकता हूं. यह मंचन मेरे बचपन से उत्पन्न हुआ है.
Tags: Sanjay leela bhansali
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