प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला।
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यमुना नदी में फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ गई है। इससे नदी में प्रदूषण का स्तर बहुत बढ़ा है। ऐसे में यमुना में सफेद झाग दिखाई देने लगा है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डीपीसीसी) की रिपोर्ट के मुताबिक नदी में मल का अब तक का सबसे ज्यादा स्तर है। सितंबर महीने में यमुना नदी के पानी की जांच की। इसके लिए चार सितंबर को लिए गए नमूनों के आधार पर यह रिपोर्ट चार अक्टूबर को जारी की गई।
रिपोर्ट के अनुसार, नदी में फेकल कोलीफॉर्म का स्तर 49,00,000 (एमपीएन) तक पहुंच गया है। यह स्तर मानक स्तर 2,500 यूनिट से 1,960 गुना ज्यादा है। यह फरवरी 2022 के बाद से नदी में फेकल कोलीफॉर्म का सबसे खराब स्तर है। फरवरी 2022 में आगरा नहर (शहर में नदी के किनारे के स्टेशनों में से एक) पर फेकल कोलीफॉर्म का स्तर 63,00,000 यूनिट तक पहुंच गया था।
फेकल कोलीफॉर्म, पानी में मल की मौजूदगी को दर्शाता है। यह पानी के प्रदूषण का एक महत्वपूर्ण सूचक है। इसका मतलब है कि नदी में बहुत ज्यादा मात्रा में गंदा पानी मिल रहा है।
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