मेट्रो या लाइट मेट्रो?
मेट्रो कार्य से जुड़े अधिकारियों ने लोकल 18 से खास बातचीत में बताया कि अगर लाइट मेट्रो चलाई गई, तो भविष्य में उसे अपग्रेड करना संभव नहीं होगा. लेकिन अगर कम कोचों वाली मेट्रो चलाई गई, तो भविष्य में कोचों की संख्या बढ़ाई जा सकती है, जिससे आने वाले समय में यात्रियों की बढ़ती संख्या को आसानी से संभाला जा सकेगा.
30 मीटर गहराई तक मिट्टी के नमूने लिए जा रहे
बरेली विकास प्राधिकरण (BDA) की उपाध्यक्ष मणिकंदन ए की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में राइट (RITES) के अधिकारियों ने बताया कि मेट्रो के लिए प्रस्तावित रूटों पर 30 मीटर गहराई तक मिट्टी के नमूने लिए जा रहे हैं. इस सर्वे के बाद यह पता चलेगा कि इन मार्गों पर मेट्रो चलाने में कोई तकनीकी समस्या तो नहीं आएगी. बैठक में ट्रैफिक और सिस्टम सिलेक्शन पर भी प्रस्तुति दी गई, और अब अल्टरनेटिव और एनालिसिस रिपोर्ट तैयार की जा रही है, ताकि यह तय किया जा सके कि बरेली में मेट्रो चलेगी या लाइट मेट्रो.
अगले 30 सालों की जरूरतों को ध्यान में रखकर योजना तैयार
बरेली में फनसिटी से चौकी चौराहा होते हुए 12 किलोमीटर और चौकी चौराहे से जंक्शन तक 10 किलोमीटर की दूरी पर मेट्रो चलाने का प्रस्ताव है. इस योजना को अगले 30 वर्षों तक की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जा रहा है. परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 5000 करोड़ रुपये है. इसके साथ ही, नगर निगम और विभिन्न विभागों के बीच लगातार बैठकें हो रही हैं, ताकि भविष्य में किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े.
Tags: Bareilly news, Local18, Metro project, Special Project, UP news
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