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– फोटो : अमर उजाला

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इंडियन अचीवर्स अवार्ड विजेता और कई कंपनियों के मालिक डाॅ नवीन अग्रवाल समेत छह लोगों को अल्प्राजोलम’ नामक मादक पदार्थ के निर्माण और आपूर्ति करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि इनके कब्जे से 18 किलोग्राम अल्प्राजोलम पाउडर और 1,17,60,350 रुपये नकद बरामद किए गए हैं।

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पुलिस के मुताबिक, यह मादक पदार्थ कथित तौर पर हरियाणा के हिसार में बायोकेस फूड्स एंड एक्सट्रैक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड की एक इकाई में बनाया गया था, जिसका मालिक डॉ. नवीन अग्रवाल हैं। अग्रवाल को पिछले साल ‘सीईओ ऑफ द ईयर’ का पुरस्कार भी मिला था। वह हिसार, हरियाणा में स्थित दवा फैक्टरियों में साइकोट्रोपिक मादक पदार्थ अल्प्राजोलम बना रहा था। बरामद अल्प्राजोलम पाउडर की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 4.20 करोड़ रुपये बताई गई है।

 पुलिस का अनुमान है कि आरोपी करीब एक हजार करोड़ रुपये की कीमत के मादक पदार्थ बाजार में खपा चुका है। पुलिस उपायुक्त (अपराध) अमित गोयल ने बताया कि साक्षी एंटरप्राइजेज लिमिटेड नामक दवा कंपनी के मालिक आनंद कुमार उर्फ सोनू को भी इन पदार्थों के धंधे में लिप्त होने के कारण गिरफ्तार किया गया है। अन्य आरोपियों में दीपक कुमार, राजेंद्र कुमार मिश्रा, राम आशीष मौर्य और मुकेश कुमार शामिल हैं। चारों ही आपूर्तिकर्ता बताए गए हैं।

अल्प्राजोलम की खेप लेने पहुंचा था आरोपी: पुलिस को खुफिया सूचना मिली थी कि एक आरोपी अल्प्राजोलम की तस्करी लेने के लिए दिल्ली में मेन वजीराबाद रोड पहुंचने वाला है। मौके पर इंतजार कर रही पुलिस टीम ने वहां पहुंचते ही उसे दबोच लिया। फिर एक-एक कर सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ गए।

अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त अमित गोयल के अनुसार शाखा की एएनटीएफ यूनिट के प्रभारी प्रवीण राठी की टीम दिल्ली में सक्रिय ड्रग तस्करों पर विशेष नजर रखे हुए थी। टीम में तैनात हवलदार दीपक परेवा को सूचना मिली कि सभापुर, दिल्ली निवासी राजेंद्र प्रसाद मिश्रा उर्फ आरपी, जो अल्प्राजोलम पाउडर की तस्करी में लिप्त है, अपने एक सहयोगी से भारी मात्रा में अल्प्राजोलम पाउडर की खेप लेने के लिए अग्रवाल स्वीट्स (मेन वजीराबाद रोड) दिल्ली के पास आएगा।

एसीपी/एएनटीएफ व एसीपी/ एआरएससी अरविंद कुमार की देखरेख में इंस्पेक्टर प्रवीण राठी के नेतृत्व में एसआई राजेंद्र कुमार और सुखराज सिंह, एएसआई कुलदीप सिंह, नरेश कुमार और सतबीर सिंह की टीम ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली क्षेत्र के बृजपुरी में अग्रवाल स्वीट्स के पास घेराबंदी कर राजेंद्र प्रसाद मिश्रा (48 वर्ष) को गिरफ्तार कर लिया। 

उसकी स्कूटी को जब्त कर लिया गया। उसके कब्जे से एक नीले रंग का प्लास्टिक का कट्टा बरामद किया गया, जिसे उसने स्कूटी के सामने की तरफ अपने पैरों के बीच में रखा हुआ था। कट्टे से कुल 18 किलोग्राम अल्प्राजोलम पाउडर बरामद हुआ है।

यहां बनता था मादक पदार्थ

पूछताछ में आरोपी दीपक कुमार ने खुलासा किया कि अल्प्राजोलम पाउडर का निर्माण हिसार, हरियाणा स्थित बायोकेस फूड्स एंड एक्सट्रैक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड नामक एक निर्माण कंपनी में बना था। इस कंपनी का मालिक डॉ. नवीन अग्रवाल है। उसके बाद, नवीन अग्रवाल को भी गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस कंपनी से अल्प्राजोलम पाउडर के नमूने मिले हैं। 

ये हैं तस्करी में लिप्त आरोपी

  • राजेंद्र कुमार मिश्रा उर्फ आरपी प्रत्येक डिलीवरी के लिए कमीशन के आधार पर दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर अल्प्राजोलम पाउडर की सप्लाई करता था।
  • राम आशीष मौर्य उर्फ पप्पू एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखता है, उसने 9वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। वह दीपक से अल्प्राजोलम पाउडर प्राप्त करता था और सह-आरोपी राजेंद्र कुमार मिश्रा के साथ मिलकर आनंद कुमार उर्फ सोनू नामक व्यक्ति को इसकी आपूर्ति करता था।
  • आनंद कुमार उर्फ सोनू साक्षी इंटरप्राइजेज लिमिटेड नाम की एक दवा कंपनी के मालिक हैं। उनकी मुलाकात सह-आरोपी राजेंद्र कुमार मिश्रा उर्फ आर.पी. और राम आशीष मौर्य से भागीरथ पैलेस में हुई थी। यहां पर आरोपी राजेंद्र कुमार मिश्रा उर्फ आर.पी. ने उनसे कहा कि आजकल बाजार में अल्प्राजोलम पाउडर की काफी मांग है और वह उन्हें इसकी आपूर्ति कर सकते हैं।
  • बागपत, यूपी निवासी दीपक कुमार निवासी बीएससी ड्रॉप आउट हैं और उन्हें रासायन का अच्छा ज्ञान है। 2021 में वह हिसार, हरियाणा के डॉ. नवीन अग्रवाल के संपर्क में आए और उन्होंने फैक्ट्री यानी बायोकेस फूड्स एंड एक्सट्रैक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड में अल्प्राजोलम पाउडर बनाना शुरू कर दिया।
  • डॉ. नवीन अग्रवाल न्यूट्रीली प्राइवेट लिमिटेड और बायोकेस फूड्स नाम की दो कंपनियों के मालिक हैं। हालांकि, उसने न तो पीएचडी कर रखी है और न ही डाक्टर की डिग्री ले रखी है। उसकी कंपनी में होम्योपैथी दवाएं बनती थी, इस कारण वह अपने नाम से पहले डाक्टर लिखने लग गया था। इसने इंडियन अचीवर्स अवार्ड वर्ष 2022 में जीता था।
  • मेरठ, उत्तर प्रदेश निवासी मुकेश कुमार वर्ष 2013 से आरोपी दीपक कुमार को जानता है। उसने दीपक कुमार को 10-12 दिनों तक अपने घर पर शरण दी थी तथा उसकी सहायता भी की थी।

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