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प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में जेपी इंफ्राटेक कंपनी का अधिग्रहण करने वाली सुरक्षा कंपनी रेजुलेशन प्लान पर लगी मुहर, जेपी इंफ्राटेक कंपनी का अधिग्रहण करने वाली सुरक्षा कंपनी रेजुलेशन प्लान को पर सहमति हो गई। इससे 18 हजार फ्लैट खरीदारों और 30 हजार किसानों को फायदा मिलेगा। किसानों को मिलेंगे अतिरिक्त मुआवजे के 2,069 करोड़ रुपये, 380 करोड़ का योगदान प्राधिकरण करेगा। इस कंपनी ने यमुना एक्सप्रेस वे बनाने वाली कंपनी जेपी इंफ्राटेक का अधिग्रहण किया है। एक्सप्रेसवे के तहत कंपनी को दी गई सुविधाओं में लैंड पार्सल भी शामिल हैं। इस जमीन का किसानों को अतिरिक्त मुआवजा नहीं मिल पा रहा है। करीब 30 हजार किसान फंसे थे। इसके अलावा 18 हजार फ्लैट खरीदार भी इंतजार कर रहे हैं। अब इस प्लान पर मुहर लगते ही यह मसला सुलझ गया।

विजय मिश्रा (उदय भूमि)
ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के बोर्ड ने गुरुवार को कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगा दी। जेपी इंफ्राटेक कंपनी का अधिग्रहण करने वाली सुरक्षा कंपनी रेजुलेशन प्लान को पर सहमति हो गई। इससे 18 हजार फ्लैट खरीदारों और 30 हजार किसानों को फायदा मिलेगा। किसानों को अतिरिक्त मुआवजा और खरीदारों को उनके फ्लैट मिल सकेंगे। साथ ही प्राधिकरण ने यमुना एक्सप्रेस वे की टोल दरों में चार प्रतिशत तक की वृद्धि की है। अब यमुना एक्सप्रेस वे पर सफर करना महंगा हो जाएगा।

यमुना प्राधिकरण की बोर्ड बैठक गुरुवार को चेयरमैन अनिल कुमार की अध्यक्षता में हुई। बैठक में प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार, नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एम लोकेश, डीएम मनीष वर्मा, एसीईओ कपिल सिंह, ओएसडी शैलेंद्र भाटिया समेत सभी सदस्य मौजूद रहे। बैठक में सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव सुरक्षा कंपनी के रेजुलेशन प्लान पर मुहर लगा दी गई। इस कंपनी ने यमुना एक्सप्रेस वे बनाने वाली कंपनी जेपी इंफ्राटेक का अधिग्रहण किया है। एक्सप्रेसवे के तहत कंपनी को दी गई सुविधाओं में लैंड पार्सल भी शामिल हैं। इस जमीन का किसानों को अतिरिक्त मुआवजा नहीं मिल पा रहा है। करीब 30 हजार किसान फंसे थे। इसके अलावा 18 हजार फ्लैट खरीदार भी इंतजार कर रहे हैं। अब इस प्लान पर मुहर लगते ही यह मसला सुलझ गया।

बोर्ड बैठक की जानकारी देते हुए प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि अतिरिक्त मुआवजे 2,069 करोड़ का है। इसमें से 1,689 करोड़ रुपये सुरक्षा कंपनी देगी, जबकि 380 करोड़ रुपये का योगदान प्राधिकरण करेगा। इस फैसले के तहत 10 साल से चल रहे मुआवजे के विवाद को सुलझाने की कोशिश की गई है। इससे गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा, आगरा के किसानों को फायदा मिलेगा। जेपी प्रोजेक्ट के लगभग 18,852 होमबायर्स भी प्रभावित हो रहे थे। मामला लंबित होने के चलते काम नहीं हो रहा था। अब काम पूरा होकर फ्लैट मिल सकेंगे। उम्मीद है कि सरकार की मंजूरी के बाद अक्टूबर महीने से मुआवजे का वितरण शुरू हो जाएगा।

यमुना किनारे बनेगी 12 हेक्टेयर की ओपन पार्किंग
वृंदावन में बढ़ते यातायात और जाम की समस्या को हल करने के लिए यीडा ने बड़ा फैसला लिया है। वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए यमुना नदी के पास खादर क्षेत्र में 12 हेक्टेयर क्षेत्रफल में ओपन पार्किंग बनाई जाएगी। इस पार्किंग में पर्यटक और श्रद्धालु अपने वाहनों को खड़ा कर सकेंगे, जिससे वृंदावन शहर में ट्रैफिक का दबाव कम होगा और यातायात की व्यवस्था में सुधार आएगा। गुरुवार को यमुना प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में इस परियोजना को मंजूरी दे दी गई है। इस महत्वपूर्ण फैसले के पीछे मथुरा में 14 सितंबर को हुई बैठक की भूमिका है। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए थे। यमुना नदी पर बन रहे लोक निर्माण विभाग के नए पुल के पास इसे बनाया जाएगा। सीईओ ने बताया कि वृंदावन के पास यमुना प्राधिकरण “हेरिटेज सिटी” का विकास कर रहा है, लेकिन यह ओपन पार्किंग सुविधा हेरिटेज सिटी प्रोजेक्ट का हिस्सा नहीं होगी।

आवंटन प्रक्रिया में किया बदलाव
यीडा ने सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं के लिए भूमि आवंटन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब सामाजिक कार्यों में जुड़े संगठनों को नीलामी प्रक्रिया के बजाय साक्षात्कार के माध्यम से भूमि आवंटित की जाएगी। सीईओ ने बताया कि इससे पहले संस्थागत श्रेणी के भूखंडों को नीलामी के जरिए आवंटित किया जाता था, लेकिन इस प्रक्रिया पर शहर के कई सामाजिक संगठनों ने आपत्ति जताई थी। इन संगठनों की आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए प्राधिकरण ने इस नीति में बदलाव का निर्णय लिया। इस बदलाव से स्कूल, अस्पताल, मंदिर, वृद्धाश्रम, बाल आश्रम, अनाथ आश्रम और अन्य धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं को विशेष रूप से लाभ होगा।

बकायेदार 8,673 आवंटियों को एक और मौका
ग्रेटर नोएडा। यीडा की बोर्ड बैठक में 8,673 आवंटियों के लिए राहत भरी खबर आई है। प्राधिकरण ने इन आवंटियों के लिए वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी का प्रस्ताव पारित कर दिया है। यह योजना पहली अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक लागू रहेगी। इसमें आवासीय, औद्योगिक, संस्थागत और वाणिज्यिक योजनाओं के आवंटियों को इसका लाभ मिलेगा। बिल्डर आवंटियों को इस पॉलिसी का लाभ नहीं दिया जाएगा।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ ने बताया कि प्राधिकरण के 8,673 आवंटियों पर 3,700 करोड़ रुपये का बकाया है। इनमें से सबसे ज्यादा बकायादार आवासीय भवनों और औद्योगिक प्लॉट के आवंटी हैं। ये आवंटी समय पर प्राधिकरण का भुगतान नहीं कर पाए थे। प्राधिकरण ने वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी के तहत 3,800 करोड़ रुपये का ब्याज माफ करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, आवंटियों को चार किस्तों में बकाया धनराशि जमा करने की सुविधा दी जाएगी। यह कदम उन आवंटियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, जो समय पर भुगतान न कर पाने के कारण दिक्कतों का सामना कर रहे थे।

जेवर एयरपोर्ट से मेट्रो कनेक्टिविटी की मंजूरी
ग्रेटर नोएडा। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों के लिए बड़ी खबर है। अब इन क्षेत्रों को सीधे जेवर में बन रहे नोएडा एयरपोर्ट से मेट्रो के माध्यम से जोड़ा जाएगा। इस नई कनेक्टिविटी से हवाई यात्रियों को बेहतर और सुगम यात्रा की सुविधा मिलेगी। यीडा की गुरुवार को हुई बोर्ड बैठक में इस महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी दी गई है। सीईओ ने बताया कि जेवर एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी पूरे दिल्ली-एनसीआर से सुनिश्चित की जा रही है। सिंह ने बताया कि नोएडा मेट्रो का लिंक सेक्टर-51 से नॉलेज पार्क-5 तक विस्तारित किया जाएगा, जिससे ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। इसके साथ ही, रैपिड रेल का ट्रैक भी जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई-अड्डे तक जाएगा, जिससे यात्रियों के लिए और अधिक सुविधाजनक आवागमन होगा। रैपिड रेल के ट्रैक पर ही नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट की मेट्रो सेवाएं भी चलेंगी और इन्हें जेवर एयरपोर्ट तक जोड़ा जाएगा।

100 एकड़ में बनेगा सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क
बोर्ड बैठक में जेवर एयरपोर्ट के पास 100 एकड़ जमीन पर सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क बनाने की मंजूरी दी गई। यह सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क सेक्टर-28 में स्थापित किया जाएगा। इसमें 10,000 वर्ग मीटर के प्लॉट्स अलॉट किए जाएंगे। इस पहल से क्षेत्र में सॉफ्टवेयर उद्योग को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि अब तक यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में आइटी और आईटीएस (इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी-संबंधित सेवाएं) उद्यमियों के लिए कोई विशेष सेक्टर नहीं था। इसे देखते हुए बोर्ड में 100 एकड़ जमीन पर सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क बनाने का प्रस्ताव रखा गया, जिसे मंजूरी दे दी गई है। इस पार्क में 10,000 वर्ग मीटर के प्लॉट अलॉट किए जाएंगे, जिससे आईटी और सॉफ्टवेयर कंपनियों को व्यवसाय स्थापित करने के लिए बेहतर बुनियादी ढांचा और सुविधाएं मिलेंगी। विदेशी कंपनियों ने यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में सॉफ्टवेयर कंपनियों के लिए जमीन की मांग पहले ही कर रखी है।

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